पत्रकार नईम क़ुरैशी - गुरू के ज्ञान से मिली सफलता। महिपाल
गुरू के ज्ञान से मिली सफलता। महिपाल
समाज की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित करना ही सही मायनों में सच्ची सेवा है। यह कहना है जयपुर निवासी महिपाल सिंह का। उन्होंने समाज सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया लिया है। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्होंने रक्तदान जैसे महान कार्य को चुना। महिपाल सिंह ने बताया मेरी गुमनाम सी जिन्दगी को सही राह दिखानेे वाले सिर्फ गुरूजी है। बहुत कम समय में गुरूजी से बहुत कुछ सीखा है। उन्ही के आर्षिवाद से संस्था का संचालन किया है। गुरु जी की सीख मेरे जीवन के लिए प्रेरणा बनी है
जीवनी: महिपाल सिंह का जन्म 1981 को जयपुर में हुआ। तथा पढाई भी जयपुर से की है। वर्तमान में ””मान्सी नवज्योती संस्था“ के अध्यक्ष है। तथा प्रपर्टी का व्यवसाएं करते है।
उपलब्धि: धार्मिक रेलियों में फ्रूट तथा पानी-षरबत वगेरा वितरण, ब्लड कैम्प लगवाये, अनेक जिलो से जयपुर आने वाले रोगियों का इलाज करवाया। तथा अपनी प्रयासो से हर तरीके से उनकी सहायता की।
उद्ष्य: गरीब व बेसहारा बुजुर्गो जो निराश्रित होते है उनके लिए वृद्धाश्रम बनाना चाहता हुँ। यह मेरी दिल की तम्नना है में उनकी दिल से सेवा करना चाहता हुँ।
और मेरा उदष्य बड़े स्तर पर समाज सेवा करना है। अभी मेरी षुरूआत है। बीकानेर, पिलानी, चिड़ावा, नवलगढ़, सीकर, नागोर, अलवर, सहित पूरे राजस्थान में सदस्य अभियान चलाकर मान्सी नवज्योती संस्था से जोड़ना है। और समाज की सेवा करनी है।
जीवनी: महिपाल सिंह का जन्म 1981 को जयपुर में हुआ। तथा पढाई भी जयपुर से की है। वर्तमान में ””मान्सी नवज्योती संस्था“ के अध्यक्ष है। तथा प्रपर्टी का व्यवसाएं करते है।
उपलब्धि: धार्मिक रेलियों में फ्रूट तथा पानी-षरबत वगेरा वितरण, ब्लड कैम्प लगवाये, अनेक जिलो से जयपुर आने वाले रोगियों का इलाज करवाया। तथा अपनी प्रयासो से हर तरीके से उनकी सहायता की।
उद्ष्य: गरीब व बेसहारा बुजुर्गो जो निराश्रित होते है उनके लिए वृद्धाश्रम बनाना चाहता हुँ। यह मेरी दिल की तम्नना है में उनकी दिल से सेवा करना चाहता हुँ।
और मेरा उदष्य बड़े स्तर पर समाज सेवा करना है। अभी मेरी षुरूआत है। बीकानेर, पिलानी, चिड़ावा, नवलगढ़, सीकर, नागोर, अलवर, सहित पूरे राजस्थान में सदस्य अभियान चलाकर मान्सी नवज्योती संस्था से जोड़ना है। और समाज की सेवा करनी है।
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