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पत्रकार नईम क़ुरैशी - राजस्थान में मुस्लिम समाज चाहता है राजनीति में हिस्सेदारी

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राजस्थान में मुस्लिम समाज चाहता है राजनीति में हिस्सेदारी मुस्लिम राजनीति में तब्दीली की बयार है। कई मसलों पर मुस्लिम नेताओं ने ऐतिहासिक चुप्पी तोड़ी है। शिक्षा और बढ़ती जागरूकता का असर दिख रहा है। लोग मुखर हुए हैं। बुद्धिजीवियों ने सार्थक हस्तक्षेप कर जता दिया है कि भारत के मुसलमानों में तरक्की पसंद होने की चाहत बढ़ी है। संजीदगी आई है। तोहमत ओढ़े रहने का खतरनाक आलस्य टूटा है। मुस्लिमों में जानेमाने समाज सेवी व्यवसायी लोगों ने अब राजनीति की ओर अपना रूख कर लिया है। अब मुस्लिम समाज अपने हक की लड़ाई खुद लड़ने के लिए राजनीति में अपने कदम रख चुका है। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवारों की सूची लम्बी हो गई है। जितने भी राजनीति दलों के नेताओं ने जयपुर के किषनपोल , आदर्श नगर , हवामहल , के विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते उन नेताओं की इन क्षेत्रों में विकास के वादों की लिस्ट तो बहुत लम्बी थी। लेकिन मुझे यहां समाजसेवी इस्