पत्रकार नईम क़ुरैशी - पुर्व सांसद महेष जी भाई साहब से सीखा सभी धर्मों का सम्मान करना। करीम कुरेशी

पुर्व सांसद महेष जी भाई साहब से सीखा सभी धर्मों का सम्मान करना। करीम कुरेशी

किसी भी व्यक्ति की सफलता के पीछे कडी मेहनत, लगन, डेडीकेषन के साथ- लक फैक्टर भी होता हैं। और जिन लोगों को अपने भाग्य का साथ मिल जाता है, वे कभी पीछे मुड़कर नही देखते। जयपुर में जन्मे अब्दुल करीम कुरैषी समाज के प्रति निष्ठा एवं लगन अब्दुल करीम कुरैषी को मुस्लिम महासभा मे तीसरी बार षहर जयपुर अध्यक्ष बनाया गया। 

पिता अब्दुल कय्यूम से मिली प्रेरणा
उन्होनें बताया कि हुवा यू मेरे पिता जी कई बार कहते थे बैटा दूसरो के लिये जीना सीखों, खुद के लिए सब जीते है इंसान वही है जो दूसरो के लिए जीता है। तब मेरे दिल से आवाज आई और मुझे पिता जी से जन सेवा की प्रेरणा मिली जब से में समाज सेवा में लगा हुॅ।

पूछे गये सवाल के जवाब में अब्दुल करीम कुरैषी ने बताया कि हम खानदानी कांग्रेसी है, जब तक हमारे भाई साहब महेष जोषी जैसे नेता पार्टी में है, जब तक हम पार्टी से जुड़े रहेगें। राजनीति में अगर कोई नेता है तो वे पुर्व सांसद महेष जोषी है, बिना किसी भेदभाव के सभी समाज के लोगो का काम करते है हमने उनसे ही सीखा है सभी धर्मो का सम्मान करना में उनकी इस बात से भी प्रेरित हुआ कि वो इतने बड़े नेता होने के साथ वे एक आम आदमी की तरह जिन्दगी जीते है और सबसे बड़ी बात कार्यकर्ताओं को साथ में बैठाकर भोजन करते है। 

सम्मानित: अब्दुल करीम कुरैषी कहते कि लोग मुझे सम्मान देते है। ये उनका बड़प्पन है कि वो मुझ नाचीज़ को सम्मान देते है, वेसे तो कई संस्थाओं से मुझे सम्मान मिला है, हाल ही मे राजिव नगर हटवाड़ा विकास समिति तथा किष्न गढ़ क्षेत्र से भी लोगों ने सम्मानित किया है।





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