पत्रकार नईम क़ुरैशी - खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।
कामयाब इंसान खुष रहे न रहे, पर खुष रहने वाला इंसान जरूर कामयाब होता है। इस नेक विचार के साथ आज में आपको एक ऐसी षख्सियत के बारे में बता रहा हुॅ राजस्थान जयपुर में जो कि नगीनें का व्यावसाय करतें है यू ंतो हम सब जानतें है जयपुर षहर में अधिकतर लोग नगीनें का व्यापार करते है, लेकिन ये षख्सियत अपने काम से नही बल्कि अपने कर्मोे से जाने जाते है। यू ंतो हर आदमी कहता है में समाज सेवा करता हुॅ, लेकिन इनके बारे में तो जयपुर षहर के लोग कहते है कि समाजिक कार्य हो या धार्मीक कार्य हो व अपना पूरा-पूरा योगदान देते है।
ऐसी षख्सियत है, हाजी रफत अहमद आज किसी परिचय के महोताज नही आप वाइल्ड मैमोरियल रिलिफ सोसायटी, सैन्ट्रल मिलाद कमेटी, ईद-ए-मिलाद कमेटी, नूरी सुन्नी सैन्ट्रल सोसायटी व कई अन्य संस्थाओं जुड़े है। और अपने मजहब की हर बात पर अमल करने पर जोर देते है अपने जीवन का अर्दष पैगम्बर मोहम्मद रसूलल्लाह को मानतें है और मुस्लिम धर्म के सभी अर्दषों को अपनाकर समाज में प्रचारित करना चाहते है। नमाज रोजा आदि को रोजमर्रा की जिन्दगी में अपनाने पर जोर देते है। भविष्य में मुस्लिम समाज में अषिक्षा के लिए बहुत अधिक कड़ी मेहनत से इस कमी को दूर करना चाहते है। गरीबों के अधिकतर बच्चों को षिक्षा से जोड़ने पर जोर देते है। षिक्षा से जुड़ी फीस व अध्ययन सामग्री फ्री देते है। मुस्लिम समाज के उत्कर्ष इतिहास के होते हुवे भी मुस्लिम समाज पिछड़ गया है। मुस्लिमों को अपने पैगम्बर के लिए समर्पित बनाना चाहते है।
अतः खुदा के रास्ते पर बढ़ते हुये अपने बीच की दूरियों को मिटाये। खुदा के प्रत्येक रास्तें को अपनायें और अपने जीवन के आधार को सही रास्तें पर लेकर आयें। सभी धर्मो का आदर सम्मन करते है
ऐसी षख्सियत है, हाजी रफत अहमद आज किसी परिचय के महोताज नही आप वाइल्ड मैमोरियल रिलिफ सोसायटी, सैन्ट्रल मिलाद कमेटी, ईद-ए-मिलाद कमेटी, नूरी सुन्नी सैन्ट्रल सोसायटी व कई अन्य संस्थाओं जुड़े है। और अपने मजहब की हर बात पर अमल करने पर जोर देते है अपने जीवन का अर्दष पैगम्बर मोहम्मद रसूलल्लाह को मानतें है और मुस्लिम धर्म के सभी अर्दषों को अपनाकर समाज में प्रचारित करना चाहते है। नमाज रोजा आदि को रोजमर्रा की जिन्दगी में अपनाने पर जोर देते है। भविष्य में मुस्लिम समाज में अषिक्षा के लिए बहुत अधिक कड़ी मेहनत से इस कमी को दूर करना चाहते है। गरीबों के अधिकतर बच्चों को षिक्षा से जोड़ने पर जोर देते है। षिक्षा से जुड़ी फीस व अध्ययन सामग्री फ्री देते है। मुस्लिम समाज के उत्कर्ष इतिहास के होते हुवे भी मुस्लिम समाज पिछड़ गया है। मुस्लिमों को अपने पैगम्बर के लिए समर्पित बनाना चाहते है।
अतः खुदा के रास्ते पर बढ़ते हुये अपने बीच की दूरियों को मिटाये। खुदा के प्रत्येक रास्तें को अपनायें और अपने जीवन के आधार को सही रास्तें पर लेकर आयें। सभी धर्मो का आदर सम्मन करते है
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
मेरे द्वारा लिखे गए लेख को आपने पढ़ा और उसपर कमेंट किया उसके लिए आपका धन्यवाद