पत्रकार नईम क़ुरैशी - फलक को जिद है अगर बिजलियाॅ गिराने की तो - हमें भी जिद है वही आषियां बनाने की -लखविन्द्र सिंह

फलक को जिद है अगर बिजलियाॅ गिराने की तो - हमें भी जिद है वही आषियां बनाने की -लखविन्द्र सिंह
जयपुर: राजस्थान में कुछ समय से हल चल हो रही है लखन्द्रि सिंह कोन है कहा से आया है और आते ही राजस्थान के लोगो में यह केसी उर्जा पैदा कि वो अपने राजस्थान की फिल्मों की तरफ आकर्षीत हो रहे है और राजस्थान के जो कलाकार मुम्बई गये थे वो भी वापस आने लगें है। जहां राजस्थान में फिल्म बनाना एक चुनौती पूर्ण काम है वहीं लखविन्द्र सिंह ने इस चुनोती को स्वीकार करतें हुवे एक फिल्म बनाई माटी के लाल. जो कि राजस्थान के लोगो ने बहुत पसंद की उसके बाद दूसरी फिल्म मेहर करो पिपलाज माता, इन दो फिल्में में लखविन्द्र सिंह ने डायरेक्षन किया यह दो फिल्में राजस्थान में अच्छी चली लेकिन जितना सोचा था उतना अच्छा रिस्पोंस नही मिला।
लखविन्द्र सिंह ने काफी सोच विचार किया के किस तरहां लोगो का ध्यिान राजस्थानी फिल्मों की तरफ खीचा जाये बहुत विचार करने के बाद फिर इक फिल्म बनाई जिसका नाम रखा  भवरी, उस समय राजस्थान में भवरीं कांड गरमाया हुआ था हलाकी उसमें भवरी की कोई भी जीवन की वास्तविक्ता नही थी भवरी, की रिलीजिंग होते ही सिनेमा में लगते ही एक तेहलका सा मच गया। जिसको देखकर लोग कहने लगे कोई अच्छा डायरेक्टर आया जो राजस्थान जैसे षहर में इस बनजर जमीन पर फूल खिलाने का काम कर रहा है। पंजाब के षेर लखविन्द्र सिंह बहुत कम समय में राजस्थानी फिल्मों मे धूम मचा रहे है। एक और ऐसी ही राजस्थानी फिल्म (थोर) जो समाज में महिला अत्याचार रोकने का संदेष दे रही है फिल्म में जहां लड़कियों की षिक्षा पर जोर दिया गया है वही उन्हे खुद पर आत्मविष्वास रखने और परिवार वालो को सच बताने का संदेष भी दिया है व परिवार वाले भी अपने बच्चो की मानसिक स्थिति को समझे ये दर्षाया गया। जिसका पहला प्रिमियर षो राजस्थान के प्रसिद्ध सिनेमा घर राजमंदिर मे चलाया गया। इस फिल्म की कव्वाली को बेहद पसंद किया गया जिसे राजस्थान की मषहूर जोड़ी उस्ताद अहमद हुसैन उस्ताद मोहम्मद हुसैन के द्वारा गायी गई।  इस फिल्म को लखविन्द्र सिंह ने डायरेक्ट किया है । प्रोड्यूसर है राहुल सूद, और कलाकार है राहुल सूद, अभिषेक दूबे, सीमा खान , अंदाज खान, सिकन्दर चैहान जहीर षेख और ये फिल्म 26 जुलाई से राजस्थान के सिनेमा घरों मे देखी गई।
अतः में लखन्द्रि सिंह ने कहा हमारी कोषिष यही है। राजस्थान सिनेमा को वह सम्मान मिले जिसका वह हकदार है। कम से कम हमारे भारत में सिनेमा की कहीं बात चले तो अन्य रीजनल सिनेमा की तरहा इसका भी जिक्र हो।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निस्वार्थ सेवा करने वाले जयपुर के लुकमान खान को मिला डॉ कलाम स्मृति एक्सीलेंसी अवार्ड

पत्रकार नईम क़ुरैशी - शेरवानी ने दी, गणतंत्र दिवस की प्रदेषवासियों को हार्दिक बधाई

पत्रकार नईम क़ुरैशी - न्यू एड एन फेस पत्रिका के पत्रकार नईम कुरैशी प्रियदर्शनी इन्दिरा गांधी अवार्ड से सम्मानित