पत्रकार नईम क़ुरैशी - मेरा आदर्श मेरा कुरआन है। हाजी आफताब
मेरा कुरआन है। हाजी आफताब
जयपुर - हाजी आफताब उन जाने माने इ्रंसानो में से है जो खुद से ज्यादा जो सिर्फ दूसरो की चिन्ता करते है जो दूसरो के दर्द को समझते है। इनका मकसद जिन्दगी में कुछ करना है बचपन से ही समाज की सेवा का षोक रखने वाले हाजी आफताब खुदा की और हम सब के प्यारे नबी का जिक्र करते हुए कहते है जो खुदा ने हम पर फर्ज किया है, उन फर्जो को अच्छी तरहा अदा करना चाहीये। हमारे प्यारे नबी करीम (सल॰) ने अपनी तालीम में ईमान के बाद जिन चीजों पर बहुत ज्यादा जोर दिया है और इंसान की सआदत को उन पर मौकूफ बतलाया है उनमें से एक यह भी है कि आदमी अच्छा अख्लाक अख्तियार करें और बुरे अख्लाक से अपनी हिफाजत करें। अपने बच्चो को तालीम दे तभी हमारे हालात सुथरेगें आज मुस्लमान सो रहा है हम अन समझ है क्यों के हमारे पास दीन-दारी नही है हमे दीन-दारी लानी है। जब में बहुत छोटा था मेहनत मजदूरी करता लेकिन नमाज पढता था आज जो कुछ मेरें पास है वो नमाज की बदोलत है। हमे नमाज कायम करनी चाहिए नमाज से हमारी दुनिया और अखिरत दोनो बनेगी। मेरा अदर्ष मेरा कुरआन ह,ै में जब स्कूल मे पढता था तो मैरे भाई साहब मुझे पाचॅ जिल्द वाला कुराअन षरीफ दे गये थे उसका में तर्जुमा किया करता था उसके जरिये से मैने सब कुछ पाया है खुदा का षुक्र है।
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