पत्रकार नईम क़ुरैशी - journalist NAEEM QURESHI




हाथ खोलो ,घर से निकलो ,कब तलक खामोश रहोगे
बात अपनी अब तो कह दो ,कब तलक खामोश रहोगे
बढ के  अपना मांग लो हक़,किस बात का है खौफ तुमको
कब तलक मिमयाते रहोगे ,कब तलक खामोश रहोगे ..

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निस्वार्थ सेवा करने वाले जयपुर के लुकमान खान को मिला डॉ कलाम स्मृति एक्सीलेंसी अवार्ड

पत्रकार नईम क़ुरैशी - शेरवानी ने दी, गणतंत्र दिवस की प्रदेषवासियों को हार्दिक बधाई

पत्रकार नईम क़ुरैशी - न्यू एड एन फेस पत्रिका के पत्रकार नईम कुरैशी प्रियदर्शनी इन्दिरा गांधी अवार्ड से सम्मानित