पत्रकार नईम क़ुरैशी - सफलता छुपी है आपकी सादगी और बडप्पन में

सफलता छुपी है आपकी सादगी और बडप्पन में 
 राजस्थान के वरिष्ठ नेताओं में शुमार पुर्व सांसद महेश जोशी का जीवन संघर्ष, मेहनत सफलता और कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य की मिसाल है। इन्होंने अपनी सादगी, सरलता, सेवा और त्याग की बदौलत जनमानस में अमिट स्थान बनाया है। बचपन से ही संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ सफलता हासिल करने वाले श्री महेश जोशी ने अनुषासित रहते हुए भी सकारतमक काम किये और एक साधारण जिन्दगी व्यतीत की तथा जिनका एजेंडा चुनावी षगल नही, बल्कि जयपुर का विकास रहा। यह उनका संकल्प षक्ति की पराकाष्ठा थी जयपुर के विकास के लिए उनकी सक्रियता से पुर्व सांसद श्री महेश जोशी की षख्सियत को आम जनों की श्रद्धा पूर्वक मान्यता मिल गई।

जीवन परिचय: पुर्व सांसद श्री महेश जोशी का जन्म सन् 1954 को जयपुर में हुआ। उन्होंने एम.ए सोषियोलाॅजी से किया व पी.एच.डी. सोषल साइंस से तथा राजस्थान विष्वविद्यालय से पत्रकारिता में पी.जी डिप्लोमा भी किया है। श्री महेश जोशी जीे टेलीकाॅम आॅपरेटर रहे, प्रिंटिंग प्रेस का व्यवसाएं भी किया, तथा सिलाई वगैरा का भी कार्य किया है। काम को कभी छोटा-बड़ा नही समझा जो भी व्यवसायं मिला वो मेहनत व लगन से किया। 
 राजनीतिक परियच: सन् 1979 से 80 तक विष्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। और विद्यालय में षांति वर्ष घोषित किया। 
पी.सी.सी में प्रचार मंत्री रहे। कांग्रेस सेवा दल में प्रदेष अध्यक्ष रहे।
कांग्रेस टिकिट पर हवामहल क्षेत्र से सन् 1990 में एम.एल.ए का चुनाव लड़ा लेकिन हार गये।

सन् 1993 में कांग्रेस सेवादल का राष्ट्रीय संगठन मंत्री बनाया गया। 

सन् 1997 में कांग्रेस प्रवक्ता रहे। फिर चुनाव लड़ा सन् 1998 में किषनपोल विधानसभा क्षेत्र से एम.एल.ए का और जीत हासिल की। 
फिर 1999 में राजस्थान असेंबली डिपटी चीफ बनाया गया। सन् 2003 में चुनाव लड़ा और फिर हार का मंुह देखना पढ़ा। 
पार्टी ने एक बार फिर सन् 2009 में मौका दिया पार्लियामेंट के चुनाव में और जीत कर लोकसभा में एम पी बने। 
तथा आपको कांग्रेस संसदीय दल का राजस्थान संयोजक नियुक्त किया। 
कांग्रेस संगठन चुनाव में दो बार दिल्ली प्रदेष चुनाव का प्राधिकरण का अध्यक्ष भी बनाया गया। 
उसके बाद फिर सन् 2014 में चुनावी मैदान में उतरे लेकिन हार गये। लेकिन हौसला आज भी जिन्दा है। और हौसलों से ही उड़ान भरी जाती है।

 आप किसको अपना आदर्ष मानते है? मैं गांधी जी का भक्त हुँ। राजनीति सादनीति में गांधी के बताये हुए रास्ते से अच्छा कोई रास्ता नही मानता हुँ। गांधीवादी राजनीति करना चाहता हुँ। जन नायक पुर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत से राजनीति सीखी है। राजनीति में षुद्धता को मानता है, षुद्धता होनी चाहिए। राजनीति में धर्म आड़े नही आना चाहिए। धर्म निर्पेक्षता, सर्व धर्म से जुड़ा हुआ हुँ। हम सभी धर्मो के लोगों को साथ लेकर चलने में विष्वास रखते है।

आपके कार्यकाल की उपलब्धीयां बताये?
मैं एम.एल.ए, व एम.पी रहा लेकिन विकास का एजेंडा मेरे लिए प्रमुख रहा। किषनपोल सड़के खसता हाल थी पानी की बड़ी समस्या थी उसको दूर किया। मेरे एम. एल.ए काल में कोई भी समस्या नही आई। जब में एम पी बना तो मेरे लोकसभा क्षेत्र मेरे कार्यकाल में अभुतपुर्व विकास हुआ। इसके लिए में धन्यवाद श्री अषोक गहलोत जी को देना चहाता हुॅ। कि उन्होंने जयपुर के विकास में कोई कसर नही छोड़ी। अगर इस अग्रणीय काल में देखे तो सर मिर्जा इस्माईल के खाते में विकास की बहुत सी बातें दर्ज है। उनके बाद अगर किसी एक व्यक्ति या नेता को श्रैय दिया जा सकता है। तो वो पुर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत को दिया जा सकता है और मुझे खुषी है, कि में उस विकास का पार्ट रहा। विकास के मुद्दे पर हमने सरकार व मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करने में कोई कसर नही छोड़ी, सक्रिय सांसद रहा मैने अपनी भुमिका सक्रियता से निभाई है। 

आपकी पार्टी में सक्रियता के बारे में बताये?
मे सक्रिय कार्याकर्ता हुॅ। पार्टी जो बेहतर समझे वो करें। पार्टी अगर एम.एल.ए. या एम.पी का चुनाव लड़वाना चाहे तो लड़ेंगे। मे अपने आपको इस बात के लिए सक्रिय रखता हुॅ। कि अगर पार्टी मेरा चुनाव में उपयोग करना चाहती है। तो किसी के मन में यह ख्याल ना आये कि मेरी सक्रियता में कोई कमी है। पार्टी जिस रूप में चाहे मेरी सेवाओं का उपयोग करें।

आपकी सोषियल लाइफ के बारे में बताये?
में धर्म पालन व्यक्ति हुॅ, धर्म में बहुत आस्था है। व्यक्तिगत रूप से पूजापाठ करना मुझे अच्छा लगता है। और में गीता के सिंधांतों के हिसाब से जिन्दगी जीता हुॅ। कर्म करने में यकीन रखता हुॅ। गोविन्द देव जी के जाता हुॅ। चांदपोल में हनुमान मंदिर में जाता हुॅ। फल से में ज्यादा विचलित नही हुॅ, फल केसा भी मिले वो इष्वरधीन है। में अनुसाषन को पसंद करता हुॅ उसका पालन करता हुॅ
आपकी हाॅबी किया है?
मेरी हाॅबी हाॅकी, बास्केट बाल, कबडडी, नियमित दौड़ लगाना, एक्सासाईज करना, काॅलेज लाईफ में फिलमें देखने का षौक था, अब हिन्दी गाने सुनने का भी षौक है।
आप किस सिंगर और किस एक्टर को पसंद करते है?
बाॅलिवुड में दिलिप साहब का फैन हुँ। मुकेष, लतामंगेषकर, मन्नाडे के गाये हुए गाने को पसंद करते है। मुख्य रूप से मों रफी के गाने ज्यादा पसंद है।

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