पत्रकार नईम क़ुरैशी - पद के साथ आती हैं बड़ी जिम्मेदारियां

  पद के साथ आती हैं बड़ी जिम्मेदारियां
नारियों में अपरिमित शक्ति और क्षमताएँ विद्यमान हैं। व्यवाहरिक जगत के सभी क्षेत्रों में उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किये हैं। शारदा साध भी उन्ही महिलाओं में से एक है जिन्होंने अपने अदभुत साहस, अथक परिश्रम तथा दूरदर्षी बुद्धिमत्ता के आधार पर राजस्थान में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं।

परिचय: शारदा साध का जन्म 1982 को जयपुर में हुआ। तथा उन्होंने रविन्द्र बाल भारती स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की तथा ग्रेजुएषन राजस्थान यूनीवर्सीटी से किया। और सन् 2003 में एम.ए, व उसके बाद बी.एड, तथा एलएलबी 2013 में कमप्लीट की। सन् 2009 में उनका विवाह हंसराज साध के साथ हुआ। आज उनका एक पुत्र भी है जिसका नाम यषराज साध है जो की चार वर्ष का हो चुका है।

पिता से मिली प्रेरणा: शारदा साध बताती है कि उनके पिता श्री हरीनारायण बैरवा पूर्व में ट्रास्पोर्ट डिपार्टमेंट में एडिसनल कमिषनर रहे। तथा वर्तमान में बैरवा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। पिता जी से ही प्रेरणा मिली है। उनसे ही लोगों के काम करके आगे बढ़ना सीखा है।

वर्तमान स्थिति: शारदा साध कृषि उपज मण्डी समिति की चैयरमैन है। व राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी में प्रदेष सचिव भी है। तथा पूर्व में नवभारती बी.एड काॅलेज में लेकचारार थी।

परिवार से मिला आगे बढ़ने का होसला: शारदा साध ने 2011 में कृषि उपज मण्डी समिति के चुनाव के मैदान में उतरी और कुल 337 वोटों में से 180 वोट षारदा साध को मिले और उन्होंने विजय हासिल की तथा कृषि उपज मण्डी समिति चैयरमैन बनी। शारदा साध ने बताया यहां तक पहुचने का होसला और आगे बढ़ने का मौका उनको उनके सास-ससूर तथा हसबेंड सहित पूरे परिवार से मिला। मुझसे ज्यादा मेरे सांस ससूर व मेरे परिवार का सपना है कि में बहुत आगे बढ़ू। उनके मुझसे ज्यादा अरमान है। कि में कुछ बनू।

आपके पति किया करते है? मेरे हस्बेंड का नाम श्री हंसराज साध है उनका कपड़ों का षोरूम है। जो कि इस्ट वेस्ट डिजाइनर के नाम से विख्यात है जो की सिरसी रोड पर स्थित है। पुर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत जी भी इसी षोरूम के कपड़े पसंद करते है। तथा प्रिंस चाइल्स सहित मषहुर हस्तियां भी हमारे षोरूम से ही कपड़े खरीदती है।

आपकी उपलब्धि? कृषि उपज मण्डी समिति के तहत कृषक साथी योजना चलती है जिसमें मृत्यू होने पर किलेम की राषी एक लाख थी जिसको हमने दो लाख करवाई। जयपुर की मुहाना मंडी में जमीन खाली पड़ी थी जिसमें हमने अपने प्रयासों से वहा पर एक अनाज मंडी अलाॅट कराई है। तकि लोगों को फल, सबजी, सहित अनाज खरीद ने में भी आसानी हो। तथा इसके अलावा अपने अथक प्रयासो से सालों से बंद पड़ी दूदू मंडी चालू करवाई। तथा इसके अलावा मेड़ मंडी भी जल्द चालू करवा दी जायेगी। मंडी के द्वारा सड़क निमार्ण योजना थी जो कि वर्तमान में बंद थी जिसका़े हमने चालू करवाई। इस योजना के तहत अपने क्षेत्र में 3 किमी के दायरे में सड़को का निर्माण करवाया जा सकता है।

कांग्रेस पार्टी से क्यू जुड़ी है? मेरे पिता कांग्रेस से जुड़े है। तथा मेरा परिवार भी कांग्रेस की विचारधारा को पसंद करता है। मेरे जुड़े होने वजह भी यही है। और अब की बार पार्टी ने मौका दिया तो विधायक का चुनाव जरूर लड़ूंगी।  

अबकी बार कांग्रेस जीतती है तो राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में आप किसे देखना पसंद करेंगी?
पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारी दी उसको मेने बाखूबी निभाया है। पहले मुझे करोली का प्रभार दिया गया था अब सवाई मधोपुर की प्रभारी हुॅ। आज कांग्रेस एक मजबूत स्थिति में है और जो कांग्रेस की आज लहर बन रही है वो सचिन पायलेट की वजह से है। अषोक गहलोत साहब हमारे सर्व माननिय नेता है। दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे जमीन से जुड़े नेता है वो हम सबके नेता है। और मुख्यमंत्री कौन बनेगा ये फैसला आलाकमान करेगा।

आपकी हाॅबिज? मेरी हाॅबिज कूकिंग है। मुझे जब भी समय मिलता है में टीवी में देखकर नई डिष बनाती हुॅ।

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