पत्रकार नईम क़ुरैशी - हज़ारों कलाकारों का मुकद्दर संवारा है रविन्द्र मंच ने

हज़ारों कलाकारों का मुकद्दर संवारा है रविन्द्र मंच ने
जयपुर को ’सिटी आॅफ आर्ट्स’ भी कहा जाता है। वास्तव में जयपुर समृद्ध कलाओं का शहर है। कला की कद्र राजसी परंपरा आज भी कायम है। और विभिन्न कलाओं को पनाह देकर सिर आखों पर बिठाने का मुकाम है-रविन्द्र मंच। इसी मंच से हजारो कलाकार ने अपनी लाईफ बदली है। ये वही रविन्द्र मंच है जहां से अनेक कलाकारों ने अपनी कला के जरीए देष-विदेष में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है। इसी रविन्द्र मंच से अपने जीवन की षुरूआत डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा ने सन् 1992 से तथा उनकी पत्नी मोनिका सिंह सन् 1996 से की है। डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा को भारत के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा रंगमंच के क्षेत्र में शोध करने के लिए प्रदान की जाने वाली जूनियर फेलोशिप प्रदान की गयी है। डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा तथा उनकी पत्नी मोनिका सिंह ने गल्र्स चाइल्ड, भ्रुर्ण हत्या तथा पर्यावरण जैसे अनेक इषूज पर नाटकों का मंचन कर किया है। और जयपुर के प्रमुख स्थानों पर वर्कषाॅप चला रहे है।

परिचय: डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा का जन्म 1972 को जयपुर में हुआ तथा उन्होंने पीएचडी डोमेस्टिक आर्ट मे राजस्थान विष्व विद्यालय से किया।
मोनिका सिंह का जन्म 1977 को जयपुर में हुआ तथा उन्होंने बी.काॅम, बी.एड, 1997 में महारानी काॅलेज से किया। और थिएटर में पीजी डिपलोमा किया है।


थिएटर्स परिचय? डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा जी को क्रिकेट का षोक था लेकिन सन् 1992 में रविन्द्र मंच में एक प्ले में काम करने का मौका मिला तब से लेकर आज तक वो इसी फील्ड से जुड़़े है। मोनिका सिंह को भी बचपन से ही एक्टिंग का षोक था पापा के साथ मुवी देखी और घर पर उसी को एक्ट करती थी। सन् 1996 में मोनिका सिंह की मम्मी ने एक एड देखा और रविन्दर मंच लेकर गई और वर्कषाॅप में विजय माथूर सर मिली तथा उनसे ही मोनिका सिंह ने काम करना सीखा उन्होंने मोनिका सिंह में थिएटर के प्रति लगन देखकर एक प्ले करने का मौका दिया। इसी दौरान रविन्द्र मंच पर डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा की मुलाकात मोनिका सिंह से हुई और फिर इज्हार हुआ और षादी करली। आज उनका एक पुत्र है जिसका नाम लक्ष्य सिंह है जो कि पढ़ाई के साथ-साथ थिएटर में भी अपनी कला का जोहर दिखाकर कर अपने माता-पिता का नाम रोषन कर रहा है।

आप किन-किन इषूज पर नाटकों का मंचन कर चुके है? गल्र्स चाइल्ड, भ्रुर्ण हत्या, पर्यावरण इषूज, तथा थिएटर में काम करने वालों की लाइफ स्टाइल पर हमने प्ले किया है। और रोड सेफटी पर भी हमने प्ले किया है। जयपुर बाॅम्ब बलास्ट मामले में भी हमने प्ले किया है। हम करंट अफेयर्स पर ज्यादा फोक्स करते है। तकि समाज में एक सोषल अवेरनेस क्रेट हो सके।

वर्कषाॅप के बारे में बतायें? एक्टर्स एकेडमी आॅफ राजस्थान और एक्टर्स थिएटर्स राजस्थान के द्वारा थिएटर वर्कषाॅप कर रहे है। फेस्टिवल कर रहे है। तथा इसके द्वारा नई जनरेषन के साथ हम अपना अनुभव षेयर कर रहे है। और हमसे नई जनरेषन जुड़़ रही है। अभी तक 40 से ज्यादा वर्कषाॅप कर चुके है। 600 से ज्यादा स्टूडेंट का डाटा अभी हमारे पास है इस साल 700 को पार कर लेंगे। 2010 से वर्कषाॅप कर रहे है। मोर्निंग में बच्चों को सिखातें है तथा इवनिंग में यूवाओं के लिए वर्कषाॅप चला रहे है। इसी तरीके से अलग-अलग स्थान पर एक दिन में 5 वर्कषाॅप चल रहे है

आप के द्वारा किये गये सीरियल के बारे में बताये? डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा: इटीवी राजस्थान के साथ भी मैने बहुत काम किया है, एजा डायरेक्टर भी मैने काम किया है। जी मरूधरा पर एक सीरियल था उसके लिए मैने एक्ट किया है। डेलीषाॅप के लिए एक्ट किया है। दूरदर्षन राजस्थान के कई प्रोजेक्ट किये है। जिनमें एक बहुत षानदार प्रोजेक्ट है डजर्ट काॅलेज के नाम से ये सीरियर 2009 से आज तक चल रहा है। उसको मैने एजा एक्टर काम किया मैनली डायरेक्ट किया है। इसकी 73 कड़िया बनी है। दूरदर्षन के सभी चेनल्स पर ये ओनयर हुआ है। इस सीरियल के द्वारा हमने राजस्थान को 60 परसेंट तक कवर किया है। राॅयल लाईफ से लेकर ट्रेवल्स लाइफ तक को हमने इसमें कवर किया है।

आप किस को अपना गुरू मानते है? डाॅ. चन्द्रदीप हाड़ा: संगीत में राजिव भट्ट साहब मेरे गुरू है। और रंगमंच में एस. वासूदेव मेरे गुरू है व मैरे अदर्ष है।
मोनिका सिंह: विजय माथूर सर के साथ में मैने काम करना सीखा वही मेरे गुरू है।


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