पत्रकार नईम क़ुरैशी - वर्दी पहनने का मकसद निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा-डी.सी.पी हैद़र अली जैद़ी

वर्दी पहनने का मकसद निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा-डी.सी.पी हैद़र अली जैद़ी
9 दिसंबर 2014
कहते हैं कि मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है सिर्फ पंखों से कुछ नही होता, दोस्तों हौसलों से उड़ान होती है। सन् 1953 में जन्मे हैद़र अली जैद़ी मूल रूप से राजस्थान के जयपुर जिले के रहने वाले हैं। जयपुर में ही रहकर उन्होंने अपनी प्रारंभिक षिक्षा पूरी की।

तन,मन, धन से जनता की सेवा करने की चाह रखने वाले 2006 बैच र्के आइ.पी.एस अधिकारी हैद़र अली जैद़ी का कहना है कि हमारे वर्दी पहनने का सिर्फ एक ही मकसद है जनता की निःस्वार्थ भाव से सेवा करना। डी.सी.पी. हैद़र अली जैद़ी ने प्रदेष में जिन-जिन जिलों में अपनी सेवाएं दी, वहां वो हमेषा अपने सुधारवादी कार्यों के कारण चर्चा में रहें। सहज, सरल और ईमानदार स्वाभाव के डी.सी.पी. हैद़र अली जैद़ी का कहना है कि वह जब तक ड्यूटी पर रहेंगे बिना किसी स्वार्थ के जनता की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते रहेंगे। वर्तमान में जयपुर में पुलिस उपायुक्त यातायात की कमान संभाल रहे हैद़र अली जैद़ी से खास बातचीत की फेसग्रुप संवादाता नईम कुरैशी ने।


आई.पी.एस. बनने के पीछे के कारण क्या रहे?
हैदर अली जैदी-मैंने आपको बताया कि मेरी दिली इच्छा थी कि मैं जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझकर उनका हल कर सकंू। इसके लिए मैंने आईपीएस बनने की तैयारी षुरू की। कठिन परिश्रम के बाद 2006 में मेरा आईपीएस बनने का सपना पूरा हुआ। आईपीएस के लिए चयन होने के बाद जिस बात की मुझे सबसे ज्यादा खुषी थी वो ये कि अब मुझे जनता के लिए कुछ करने का मौका मिलेगा। वर्तमान में मैं राजस्थान के जयपुर जिले में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। यहां भी मेरी सबसे पहली प्राथमिकता यही है कि जनता को सही और उचित न्याय मिले। उन्हें न्याय के लिए दर-दर भटकना न पड़े।

अपनी प्रारंभिक षिक्षा और प्रषासनिक तैयारियों के बारे में बताएं?

हैदर अली जैदी-मेरी प्रारंभिक षिक्षा जयपुर में हुई। षुरू से ही मेरे मन में जनता के लिए कुछ करने की चाह थी। क्योंकि जनता की सेवा करने से मन को जो सुख की प्राप्ति होती है, वो किसी और कार्य से नहीं होती। इसलिए मैंने आईपीएस की तैयारी षुरू की और सफल रहा।

आपके अलावा आपके परिवार में कौन-कौन है?

हैदर अली जैदी-मेरी पत्नी इंग्लिष की प्रोफेसर है। तथा बेटी डाॅक्टर है तथा बेटा मेडिकल सेक्टर से जुड़कर समाज की सेवा कर रहे है। छोटा परिवार है सुखी परिवार है।

आपने इससे पहले किन-किन जगहों पर अपनी सेवाएं दी है?

हैदर अली जैदी-इससे पहले मै अजमेर, अलवर, भरतपुर, जोधपुर, और सीकर, में बतौर एसपी अपनी सेवाएं दी है।

आपका सबसे मुष्किल भरा आॅपरेषन कौन सा था?

हैदर अली जैदी-पुलिस की नौकरी में हर दिन चुनौती भरा और यादगार होता है लेकिन मेरा एक ऐसा एक्सपीरिंयस है जिसे मै भूले नही भूलता। मुझे याद है उन दिनों मैं अलवर में नियुक्त था वहां एक बच्चा तीन बदमाषों द्वारा अपहरन कर लिया गया था, उसे मुक्त कराने में हमारी पुरी टीम को काफी मषक्कत करनी पड़ी क्यों की वे हथियार बंद बदमाष थे और हमारे बीच काफी फायरिंग हुई। अंत में हमने बच्चे को जीवित छुड़ाने में कामयाब हुये।

फेसग्रुप मीडिया के माध्यम से अपने मातहत कर्मचारियों को और नगर वासियों को क्या सन्देष देना चाहेंगे?
हैदर अली जैदी- मै सिर्फ इतना कहना चाहंूगा, कि पुलिस का काम बहुत ही जिम्मेदारी का होता है देष की जनता पुलिस पर बहुत विष्वास करती है इसलिए अपना काम पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करें ताकि जनता का विष्वास जीत सके। और जनता से ये अपील है, देष के संविधान और न्यायिक व्यवस्था में विष्वास बनाये रखें। इंसान के जीवन के उतार चढाव में या तो वह कुछ कर गुजरता या गर्त में चला जाता है। जीवन मै परिस्थितियाॅ भी बदलती है, सफलता के लिए कोई षाॅर्ट कट नही होता इसलिए जो भी काम करें, निरन्तर मेहनत करते रहने पर खुदा हर कार्य में सफलता प्रदान करता है। तथा समाज के आमजन को भी पुलिस कार्यवाही व ट्रेफिक व्यवस्था बनाए रखने में षहर के लोग पुलिस को हर संभव सहयोग देकर समाज सेवा में भागीदार बनना चाहिए।
फेसग्रुप संवादाता नईम
कुरैशी-हमें समय देने के लिए षुक्रिया।

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