पत्रकार नईम क़ुरैशी - राजस्थान की आवाज शराब मुक्त राजस्थान

        राजस्थान की आवाज शराब मुक्त राजस्थान

शराब  हमेशा से मानव समाज के लिए एक अभिषाप रही है। इसके सेवन से अनगिनत लोगों की मौत होती होती रही है इसका सेवन दुनिया के लाखों लोगों के लिए दुःख और परेषानी का कारण बनता है। षराब मानव समाज को पेष आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का दुनियावी सबब रही है। अपराधों की दर में जिस तरह दिन-प्रतिदिन अभिवृद्धि हो रही है, लोगों की मानसिक रोगों की घटनाओं में बढ़ोŸारी हो रही है, विकल चलाते समय दुर्घटनाएँ होती हैं तथा लाखों लोगों के परिवारिक जीवन छिन्न-भिन्न हो रहे हैं, अनगिनत अपराध होते है, इन सबके पीछे षराब की ख़मोष विध्वंसकारी षक्ति कार्य कर रही है। शराब की लत में युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में तेज़ी से आ रही है। षोधकर्ताओं के अनुसार षराब के ज्यादा सेवन से 200 बीमारियों का खतरा है। षराब के सेवन आपकी प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है और इसके चलते न्यूमोनिया और टीबी जैसी अनेक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सरकार को इस ओर विचार करने की जरूरत है। राजस्थान में षराबबंदी को लेकर कई संगठन आंदोलन चला रहे है, जनता में इसको लेकर रोष है। लेकिन सरकार के कुछ मंत्री षराबबंदी को उचित नही मानते है। उद्योग मंत्री ने गजेन्द्र सींवसर ने षराबबंदी के कई दुष्परिणाम बताते हुए अनुठे तर्क दिए है। पिछले दिनों मीडिया कर्मीयों से बातचीत के दौरान मंत्री गजेन्द्र ने कहा कि सीगरेट, नाॅनवेज और षराब इंसान के फंडामेंटल राइट्स है। इतना ही नही मंत्री जी ने ये भी कहा कि जिन राज्यों में षराबबंदी की गई है वहा अन्य नषा करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। युवा पीढ़ी और गलत रास्ते पर चली गई है। बाद में मंत्री ने सफाई भी दी कि उनकी दलील कई दृष्टिकोण और नजरिए से है।
शराब हमेशा से मानव समाज के लिए एक अभिषाप रही है। इसके सेवन से अनगिनत लोगों की मौत होती होती रही है इसका सेवन दुनिया के लाखों लोगों के लिए दुःख और परेषानी का कारण बनता है। षराब मानव समाज को पेष आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का दुनियावी सबब रही है। अपराधों की दर में जिस तरह दिन-प्रतिदिन अभिवृद्धि हो रही है, लोगों की मानसिक रोगों की घटनाओं में बढ़ोŸारी हो रही है, विकल चलाते समय दुर्घटनाएँ होती हैं तथा लाखों लोगों के परिवारिक जीवन छिन्न-भिन्न हो रहे हैं, अनगिनत अपराध होते है, इन सबके पीछे षराब की ख़मोष विध्वंसकारी षक्ति कार्य कर रही है। शराब की लत में युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में तेज़ी से आ रही है। षोधकर्ताओं के अनुसार षराब के ज्यादा सेवन से 200 बीमारियों का खतरा है। षराब के सेवन आपकी प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है और इसके चलते न्यूमोनिया और टीबी जैसी अनेक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सरकार को इस ओर विचार करने की जरूरत है। राजस्थान में षराबबंदी को लेकर कई संगठन आंदोलन चला रहे है, जनता में इसको लेकर रोष है। लेकिन सरकार के कुछ मंत्री षराबबंदी को उचित नही मानते है। उद्योग मंत्री ने गजेन्द्र सींवसर ने षराबबंदी के कई दुष्परिणाम बताते हुए अनुठे तर्क दिए है। पिछले दिनों मीडिया कर्मीयों से बातचीत के दौरान मंत्री गजेन्द्र ने कहा कि सीगरेट, नाॅनवेज और षराब इंसान के फंडामेंटल राइट्स है। इतना ही नही मंत्री जी ने ये भी कहा कि जिन राज्यों में षराबबंदी की गई है वहा अन्य नषा करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। युवा पीढ़ी और गलत रास्ते पर चली गई है। बाद में मंत्री ने सफाई भी दी कि उनकी दलील कई दृष्टिकोण और नजरिए से है।
देश में जितने भी अपराध जन्म ले रहे है इसका कारण षराब का सेवन है। इसको पीने वाले अपनी हेल्थ तो खो ही रहे है। निष्चित रूपसे इसको बंद कर देना चाहिए। कई राज्यों में इसको बंद किया गया है। हमारी मुख्यमंत्री को भी इस विषय पर सोचना चाहिए। रेवेन्यू कलेक्ट करने के लिए बहुत से साधन किये जा सक्ते है। मगर सेहत व रिष्तों के साथ में ये समझोता नही करना चाहिये। जब रिष्ते सही होंगे हमारा राज्य भी डवलप होगा। यु कहा जाता है किसी देष के लोग जब स्वस्थ होते है। तो वो देष अपने आप ही तरक्की करता है। एक षराबी को यही पता होता है मुझे पीनी है और इसी तरीके से जीना है। लेकिन जब वो इस नषे को झोड़ देगा तो वो अपने परिवार व अपने देष के लिए सोचेगा, और देष के लिए कुछ करेगा। में षरबबंदी के पक्ष में हुॅ इस पर जल्द रोक लगनी चाहिए। गुरूषरण छाबड़ा जी ने भी इसको लेकर कई अनषन किये और अब ये मषाल उनकी पुत्रवधू ने सम्भाली है। उनको जरूर सफलता मिलेगी। और जब इस ओर नारी षक्ति आगई है। तो मुख्यमंत्री को भी इस ओर सोचना पड़ेगा क्यूकि वो खुद एक ओरत है। तो वो इस चीज को समझ सक्ती है। नारी हमेषा प्रभावी रही है। जहां बेटी बचाओं का नारा दिया जा रहा है। तो उन बेटियों की जिन्दगी सवांरने के लिए षराब बंद होना जरूरी है। हमारी उन दोनों बहुओं को षुभकामनाऐं है। कि वो इस अभियान को लेकर कर चल रही है। ध्रुव बाल निकेतन सी. सै. स्कूल डायरेक्टर: डाॅ ललित कुमार बाँगा
पुर्व विधायक गुरूषरण छाबड़ा जी ने षराबबंदी के लिए जो अनषन किया वो एक अच्छा कदम है अच्छा कदम था। किसी भी जनहित की सरकार को चाहे वो किसी की भी सरकार हो, उनको सुनना चाहीए हालाकी सरकार की अपनी नीतिया होती है। लेकिन एक नेक विचार व्यक्ति की बात को सुन्ना चाहीए था। उनकी नही सुनी ये दुर्भागयपुर्ण है। उनकी फॅमिली के लोग आज उनके मार्ग पर चलना चाहते है तो हर समाज सेवक उनके इस अभियान में उनके साथ है और रहेगा। हम भी उनके साथ है। षराब का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है। इसको रोका जाना चाहिए। और सरकार को समय समय पर इस पर कड़े कदम उठाने चाहिये। तथा षराब ने हमेषा निचले तबके को ही बरबाद किया है। षराब हमषा अमीरो का षोक रहा है। लेकिन ये गरीबों के लिए हमेषा बीमारी रही है। गरीब तबका अपनी मेहनत से कमाये हुए पैसे को अपने घर पर ना खर्च करके षराब पर खर्च कर रहा है। अधिकांष परिवार इससे खराब हो रहे है। षराबबंदी को लेकर नीतिष सरकार का अच्छा कदम है। हमारी मुख्यमंत्री साहेबा एक राजपरिवार से है। गरीबों की मदद के लिए उद्धरीकरण के लिए बहुत कदम उठाये है। वो इसको भलीभांती समझती है। और ये हमारा सोभाग्य है कि हमारी सी.एम राजपरिवार है। इनके बुजुर्गो ने भी हमेषा गरीबों का ख्याल रखा है। और उम्मीद करते है वो भी षराबबंदी को लेकर एक अच्छा कदम उठाएंगी। डाॅ जाकिर सोषियल एण्ड वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष: अषफाक अहमद
षराबंदी हर समाज के लिए कलंक है। षराब बिलकुल नही पीनी चाहिये। इससे बहुत सारे नुकसान होते है। इसके पीने से सबसे पहले अपने घर से परषानियां षुरू होती है। एक मिडिल क्लास फॅमिली का व्यक्ति जो भी कमाता है। वो षराब के अभाव में सब खर्च कर देते है। और यहा तक की अपनी पत्नी से भी पैसे छीनकर षराब के लिए ले जाते है। ये चीज बहुत गलत है। सरकार को अपने फायदे को झोड़कर ऐसे परिवार के बारे में सोचना चाहिए जो दारू के चककर में खराब हो रहे है, बरबाद हो रहे हैं। इस षराब की वजह से बलात्कार, चोरी, मर्डर व अनेक क्राईम हो रहे है। बिहार में षराब बंद होने का कारण एक मात्र क्राईम रहा। ये बिहार सरकार का अच्छा कदम है। इससे क्राईम में जरूर कमी आयेगी। गुरूषरण छाबड़ा जी की जो कार्यषैली थी जो उन्होंने किया इपने जीवन में वो काबिले तारीफ है। जिस आदमी ने देष के लोगों के हित के लिए जान दी वो षहिदों में कहलायेंगे। वो हमारे लिए भी सम्मानीय है, हमारे लिए भगवान है। ऐसे लोग ओर आजाये तो इस देष में क्रांती आजाये। दारू बंद होनी चाहिए। नवलराय बुलीदेवी लोहाना चैरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष: श्री अनिल लोहाना
गरीब परिवार अगर विकास नही कर रहा है। उसका एक कारण षराब है। षराबियों को षराब की लत ऐसी पड़ी है कि वो उसके अलावा कुछ और सोच ही नही पा रहा है। अगर हम अपने देष का विकास चाहते है तो ओर सोचना होगा। षराब बंद होनी चाहिए षराब के कारण ही हमारे देष में विभिन्न तरीके से बुराई फेल रही है। हमने इसको लेकर अनेक ज्ञयापन भी दिये है। सरकार अगर इसको बंद नही कर सकती तो कम से कम माहे रमजान के तथा सभी त्यौहारों के षुभ अवसरो पर षराब को पाबंद कर देना चाहिए। मुस्लिम महासभा प्रदेष सचिव एवं अजमेर जिला प्रभारी: अब्दुल करीम कुरैषी

शराब से चारों ओर गरीबी फैल रही है। गरीब तबके लोग जो कमाते है उसकी वो षराब पी जाते है। और इस कारण उनके बीवी बच्चे दुखपाते है। गरीबी, और क्राईम फैलने का मुख्य कारण षराब है। षराबबंदी को लेकर हमारे गुरूषरण छाबड़ा जी चल बसे उन्होंने जो किया वो हमेषा समाज हित में किया। उन्होंने अपने आपको लेकर इस में समर्पित कर दिया था। ओर लोगो को इसके लिए आगे आना चाहिए। उनके पुत्र व पुत्रवधु ने उनके अभियान को चला रखा है। हमारी उनके साथ षुभकामनाएं है। षराब बंद होनी चाहिए। सरस्वती विद्यापीठ सीनियर सैकेण्डरी स्कूल प्रिंसिपल: श्रीमती स्नेहलता भारद्वाज
शराब युवाओं को को धीरे धीरे अंधकार में ले जा रही है। राज्यों में अपराधों की बढ़ोतरी में षराब भी एक कारण है। एक उम्मीद फाउंडेषन के द्वारा षराबबंदी के लिए युवाओं को जागरूक किया है। एक नाट्य द्वारा युवाओं को षराब नही पिने और राज्य में पूर्णतया षराबबंदी का सन्देष दिया। पुर्व विधायक गुरूषरण छाबड़ा ने भी षराबबंदी के लिए अपना बलिदान दिया है। राज्य सरकार को षराबबंदी के बारे में विचार करना चाहिये था। जि तरह राज्य सरकार ने डोडा पोस्ट को बंद किया वो एक सराहनीय कार्य हैै। डोडा पोस्ट बंदी से कई परिवारों को दुबारा से जिंदगी मिली है। अब सरकार को राज्य में षराबबंदी कर लोगों के जीवन में रंग भरना चाहिए। एक उम्मीद फादंडेषन लगातार षराबबंदी के पक्ष में अलग अलग कस्बों में नुक्कड़ नाट्य कर लोगों को षराब से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए षराब छोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। एक उम्मीद फाउंडेषन अध्यक्ष: हुसैन सुल्तानियाँ
शराब इसलाम धर्म में हराम है। इसके अलावा ओर धर्मो में भी षराब को बड़ी हिकारत व बुराई की नजर से देखा गया है। आज समाज के लिए षराब सबसे बड़ी बुराई है। और यह बुराई आज युवाओं के लिए षान और षौकत की पहचान बनगई है। अगर कोई युवा लड़का या लड़की षराब नही पीता है तो वो इनकी मेहफिल के काबिल नही यह माना जाता है। आज युवा इसको पी कर अपने आपको गोरांवित महसूस करते है। आज का ऐसा दौर है। सरकार ने रेवेन्यू के चक्कर में अनलिमिटेड लाइसेंस दिये हुए है। हर गली मोहल्लों में षराब बिक रही है। सरकार इसको लिमिट में करें। इसको बंद करें। ताकि युवा पीढ़ी नई जनरेषन को सही दिषा मिल सके। चीफ जस्टिस राजस्थान हाईकोर्ड की कमेटी मेम्बर: इसलाम कुरैषी
शराब को पाबंद किया जाये। क्यूकि इससे यूवाओं का फियूचर खराब हो रहा है, माली हालात से भी खराब हो रहे है। इसके अलावा बेरोजगारी बढ़ रही है। मेरी सरकार से अपील है षराब को बंद किया जाये। इसमें बहुत कालाबाजारी भी चल रही है, नकली षराब भी खूब बिक रही है। जिससे पीने वाले की जान को बहुत खतरा है। इसको लेकर गुरूषरण छाबड़ा जी ने एक अच्छी पहल की थी लेकिन वो आज हमारे बीच नही है। उनकी जो कमी हैं वो उनके पुत्र और पुत्रवधु पूनम अंकूर छाबड़ा जी पूरी कर रही है। डाॅ जाकिर सोषियल एण्ड वेलफेयर सोसायटी उपाध्यक्ष: अब्दुल रषीद

शराब बंद होनी चाहिए आज राजस्थान में लोग इसके कारण बेरोजगार हो रहे है। गरीब आदमी जितना कमाता है वो सब षराब में खर्च कर देता है। इस को लेकर महिलाएं परेषान है। मुख्यमंत्री को चाहिए इसको बंद करें। गुरूषरण छाबड़ा जी एक अच्छे व्यक्ति थे। उनकी कोषिष षराबंदी की रही। इस मुददे को लेकर कांग्रेसीयों ने उनका साथ दिया है। जनहित का मामला है, शराब बंद होनी चाहिए। निगम वार्ड 65 पार्षद : शफीक कुरैशी

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