पत्रकार नईम क़ुरैशी - कठिनाइयों से मिली सफलता

कठिनाइयों से मिली सफलता
 देश व दुनिया में अपनी पहचान रखने वाली साड़ी व्यवसाय में कोलकाता , बनारस , सूरत की तरह ही जयपुरी साड़ीयो की भी अपनी ही पहचान हैं इसी व्यापार से जुड़े हुए जयपुर कपड़ा व्यापारी साड़ी व्यापार में सबसे कम उम्र के कामयाब व्याक्तियों में शुमार SS TRADELINK (a unit of teÛtile agency) के डायरेक्टर श्री पवन गणपती गौड़ का जीवन संघर्ष, मेहनत, सफलता और कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य की मिसाल है। बचपन से ही संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ सफलता हासिल करने वाले पवन गणपती गौड़ का मानना है कि कठिनाइयां जिंदगी के साथ आती है और बिना किसी कठिनाई के जीवन में कुछ पाना व्यर्थ  हैं, व जीवन ही संघर्ष हैं और सच्ची सफलता कठिनाइयों से गुजरते हुवे ही मिलती है। आपने पिता को ही प्रेरणा मानने वाले पवन गणपती गौड जी का जीवन विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। आगे उनके विचार और सफलता की जीवनी उन्हीं के शब्दों  में-

 मेरा जन्म 1984 को जयपुर शहर  में हुआ। परिवार में माता पिता व हम 4 बहन भाई थे  परिवार में सिर्फ पिता ही कामाने वाले एकमात्र व्यक्ति थे बेहद गरीबी में जीवन व्यतीत हुआ, पिता ने मुझे पढ़ाने की कोशिश की उनका सपना मुझे प्।ै ओफिसर बनाने का था जो में पूरा नही कर पाया। उस वक्त मुझे क्रिकेटर बनने का जूनून था लेकिन परिवार में एक बड़ी बहन भी थी जिसकी शादी करना बड़ी जिम्मेदारी थी व 2 छोटे बहन भाई भी थे, तो पिता को भी लगा की मुझमे क्रिकेटर बनने का जूनून हैं, लेकिन वो कुछ कर पाने में असमर्थ थे, परिवार पर बड़ी बहन की शादी व 2 छोटे बहन भाई की पढ़ाई का भी बोझ था मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगता था तो में 10वीं में फैल हो गया पिता का प्।ै बनाने का सपना टूट गया। और पिता जी की आँखों में आंसू आगये पिता गरीब होते हुए भी हमें पढ़ा लिखा कर अच्छा इन्सान बनाना चाहते थे जो शायद में मेरी किस्मत में नहीं था और ना ही क्रिकेटर बनना, तो परिवार के लिए जो जरुरी था तो घर की परिस्थिति के अनुसार मैने साड़ी की दुकान पर 11 साल नौकरी की, एक मित्र के कहने पर नोकरी छोड़कर थिएटर जोइन किया व डेल्ही की मोडलिंग एजेंसी से स्काॅलरशिप भी मिली, वहा से शुरुआती सफलता के बाद मुबई भी गया, लगभग सभी प्रोडक्शन होउस में जाना हुआ ही था, की सुचना मिली भाई नहीं रहा। तो फिल्मी दुनिया का सफर छोड़ना पड़ा। छोटे भाई की 20 वर्ष की आयु में ही एक एक्सीडेंट में मृत्यु होगई थी तो
परिवार टूट गया था। उस समय माँ ने कहा 5000 हजार की नोकरी ही करले हम खुश हैं लेकिन नहीं जाना मुंबई फिर वापस नौकरी की और दोबारा से एक नई शुरुआत की। और जूनून पैदा हुआ कुछ कर गुजरने का। लेकिन उस वक्त यही दिमाग में रहा कि कुछ बनना है। एक प्।ै व क्रिकेटर, या हीरो, नहीं बन पाने का कभी मलाल नहीं रहा और ना होगा। एक इच्छा हैं बस कुछ अच्छा काम करू जिससे मेरे पिता का नाम रोशन हो, व मेरे पिता को सम्मानित महसूस करू, उनकी नजर में एक पढ़े लिखे इंसान की ही वेल्यु रही हैं और में पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया लेकिन मेने इसी कमी को कभी किसी से नहीं छुपाया और कोई फर्क भी नहीं पढता, की कोई क्या सोचता हैं बस मेहनत की हैं आगे भी करेंगे, भगवान् पर विश्वास रखे जो भी करे उपरवाले को समर्पित होकर करे , यही कहना चाहता हु जो भी करे दिल से करे जो भी काम करे उससे प्यार करे जीत निश्चित आपकी होगी एवं सफलता मिलेगी मेरा विश्वास हैं,


मेरे व्यापार में पत्नी का पूरा सहयोग मिला हैं वह मेरी मेंटर भी है और मित्र भी उन्होंने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया हैं। और हमेशा हर डिसीजन में साथ दिया है, सफलता का पूरा श्रेय अपने माता पिता के आशीर्वाद व पत्नी के सहयोग को देता हुँ।

मेरे जैसे बहुत लोग है जो बहुत गरीबी में आज भी अपनी जिन्दगी व्यतीत कर रहे है, कुछ बनना चाहते हैं लेकिन परिस्थति की वजह से कुछ नहीं कर पाते उनके सपने टूट जाते हैं में उनकी मदद करना चाहता हुँ।

जीवन से मिली प्रेरणाः पवन गणपती गौड़ का कहना है। मुझे अपने जीवन से प्रेरणा मिली है। आज भी समाज में गरीब को हिन भावना से देखते है लोग, कम पढ़े लिखे को अपने पास भी नहीं बैठाते लोग। मेरा यह मानना है इन्सान गरीब हो या अमीर पढ़ा लिखा हो या अनपढ़ इंसानियत बड़ी चीज है सभी को सम्मान मिलना चाहिए, हमे किसी को बदलना है तो सबसे पहले खुद को बदलना होगा। परीवर्तन लाने की एक छोटी सी कोशिश कर रहा हुँ। अच्छे लोगों में उठना-बेठना है, उनसे कुछ सीखने को मिलता है। और सीखता हुँ, बेबस-बेसहारा लोगों के लिए कुछ करना चाहता हुँ। {जीनियस जयपुर} के नाम से एक संस्था का संचालन की शुरुआत की है, जो की समाज के उत्थान के लिए अग्रसर है। करीब सो व्यापारी गण कुछ एडवोकेट इससे जुड़े है जो निःस्वार्थ सेवा भाव से समाज सेवा के लिए तत्पर रहते है।

सामाजिक गतिविधि: सर्दीयों में कम्बल वितरण, गरीब परिवार के बच्चों को कपड़े वितरण, स्कूल में बुक्स, व अन्य सामान वितरण, खाने के स्टोल लगाते है जिसमें निसहाय व लोगो को खाना खिलाया जाता है। तथा कुछ बच्चों की शिक्षा का खर्च उठा रहे है। अनेक संस्थाओं के साथ रक्तदान शिविर लगवाये।

मेहनत से मिली सफलता: 5 साल पूर्व की शुरुआत: एस.एस ट्रेडलिंग साड़ी व्यवसाएं के क्षेत्र में पुरे भारत में  विख्यात है। पवन गणपती गौड़ 16 वर्षो से साड़ी के क्षेत्र से जुड़े है तथा एस एस ट्रेडलिंग के डायरेक्टर है। उनकी फर्म सड़ीयो की ट्रेडिंग करती हैं। आज उनके द्वारा भेजी जाने वाली साड़ियों की देश के सभी शहरो में व विदेशो में भी डिमांड है। इसका कारण उनकी विशेष खासियत उनकी जयपुर की हेन्ड ब्लाकिंग, हेन्ड वर्क है पवन गणपती गौड़ बताते है कि जयपुर का जो पानी है उपर वाले ने उसमें बड़ी खासियत बक्षी है यहाँ जो कपडे पर डाइंग होती हैं हिन्दुस्तान में कही नहीं होती,
पहले पार्टिया साड़ी खरीदने कोलकाता, या बनारस और सूरत ही जाते थे, लेकिन आज जयपुर का साड़ियों के क्षेत्र मे पूरी दुनिया में नाम है और हम उसी व्यवसाएं को बढ़ावा दे रहे है। जयपुर के जो भी साड़ी व्यवसाय संघ का बहुत योगदान रहा हैं हमेशा नए व्यापारियों का आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करते हैं, व जयपुर में पहली बार पिछली साल साड़ी व्यापार संघ ने ंिपत भी लगाया था जिसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम हैं जो अपने आप में गौरवपूर्ण हैं। में positive सोच व अपनी मेहनत व माता पिता के आशीर्वाद के दम पर यहां तक पहुचा हुँ। जहां पहुॅचने में लोगों को बर्सो लग जाते है। ठाकुर जी की कृपा है।



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