पत्रकार नईम क़ुरैशी - कठिनाइयों से मिली सफलता

कठिनाइयों से मिली सफलता

जयपुर कपड़ा व्यापारी कम उमर के कामयाब व्याक्तियों में शुमार पवन गणपती गौड़ का जीवन संघर्ष, मेहनत, सफलता और कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य की मिसाल है। बचपन से ही संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ सफलता हासिल करने वाले पवन गणपती गौड़ का मानना है कि कठिनाइयां जिंदगी के साथ आती है लेकिन कठिनाइयों से गुजरते हुवे ही सफलता मिलती है। पवन गणपती गौड जी का जीवन विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। आगे उनके विचार और सफलता की जीवनी उन्हीं के षब्दों में-

मेरा जन्म 1984 को जयपुर षहर में हुआ। में उस वक्त सेकेंड क्लास में था। जब मेरे पिता जी को व्यापार में नुकसान होने की वजह से सदमे लगने बहुत बीमार हो गये। और बहुत गरीबी-मुफलीसी में बचपन गुजरा। तथा 2007 में मेरे बड़े भाई का एक हादसे में देहांत होने की वजह से मेरा परिवार बिखर गया। इन्ही परिस्थितियों के कारण मेरी पढ़ाई पूरी नही हो पाई मुझे पढ़ाई छोड़नी पढी और जाॅब करनी पढ़ी। लेकिन उस वक्त यही दिमांग में रहा कि कुछ बनना है। मेरे जैसे बहुत लोग है जो बहुत गरीबी में आज भी अपनी जिन्दगी व्यतीत कर रहे है, में उनकी मदद करना चाहता हुँ।

जीवन से मिली प्रेरणा:
पवन गणपती गौड़ का कहना है। मुझे अपने जीवन से प्रेरणा मिली है। अगर हमे किसी को बदलना है तो सबसे पहले खुद को बदलना होगा। परीवर्तन लाने की एक छोटी सी कोषिष कर रहा हुँ। अच्छे लोगों में उठना-बेठना है, उनसे कुछ सीखने को मिलता है। बेबस-बेसहारा लोगों के लिए कुछ करना चाहता हुँ। जीनियर्स जयपुर नाम से संस्था का संचालन किया है। जो की समाज के उत्थान के लिए अग्रसर है। करीब सो व्यापारी गण इससे जुड़े है जो निःस्वार्थ सेवा भाव से समाज सेवा के लिए तत्पर रहते है।

सामाजिक गतिविधि: सर्दीयों में कम्बल वितरण, गरीब परिवार के बच्चों को कपड़े वितरण, स्कूल में बुक्स, व अन्य सामान वितरण, खाने के स्टोल लगाते है जिसमें निस्सहाय व भूको को खाना खिलाया जाता है। तथा कुछ बच्चों की षिक्षा का खर्च उठा रहे है। अनेक संस्थाओं के साथ रक्तदान सिविर लगवाये।

मेहनत से मिली सफलता:
एस.एस ट्रेडलिंग साड़ी व्यवसाएं के क्षेत्र में विख्यात है। पवन गणपती गौड़ 16 वर्षो से साड़ी के क्षेत्र से जुड़े है तथा एस एस ट्रेडलिंग के डायरेक्टर है। आज उनकी साड़ियों की देष के अन्य षहरों व विदेषों में भी डिमांड है। इसका कारण उनकी विषेष खासियत उनकी हेन्ड ब्लाकिंग, हेन्ड वर्क है जो की रामपुर यूपी वालो से कराते है। कपड़ो की ड्रायक्लीन उसकी स्पेष्लिटी जयपुर की है। पवन गणपती गौड़ बताते है कि जयपुर का जो पानी है उपर वाले ने उसमें बड़ी खासियत बक्षी है यही वजह है की हिंदोस्तान में षुगर की मंडी कोलकाता, या बनारस ही जाने जाते थे लेकिन आज जयपुर का साड़ियों के क्षेत्र मे पूरी दुनिया में नाम है और हम उसी व्यवसाएं को बढ़ावा दे रहे है। अपनी मेहनत के दम पर यहां तक पहुचा हुँ। में आज जिस बुलंदी पर हुॅ वहां पहुॅचने में लोगों को बर्सो लग जाते है। ठाकुर जी की कृपा है।

फियूचर पिलान: हमारी कोषिष है अपनी संस्था से अच्छे लोगों को जोड़े, औरे गरीब निःषक्त लोगों का सहारा बनना है। ऐसे गरीबों का जो अपनी बिमारी का खर्च वाहन नही कर सकते। समाज में अवेयरनेस लाना। षिक्षा के लिए जागरूक करना। गऊ माता को राट्रीय पशू घोषित कराना। और गाय पालन करने वालो के लिए भी स़ख्त कानून बने उसके लिए भी हम प्रयास करेंगें। गाय सभी को दूध देती है। इस देष में रहने वाले सभी लोग उसके दूध से गौरानवित है। राजस्थान में कहावत है। कि दूध देनी वाली गाय की लाथ भी सेह लेता है इंसान। लेकिन जहां दूध देना बंद किया वहां उसको लावारिस झोड़ दिया जाता है। वो ट्रेक के नीचे आ रही है। लावारिस घूम रही है और किसी डेले पर मूह मार दिया तो लोग डंडे तथा लात मार देते है। ये उस दूध देने वाली माता का सबसे बड़ा अपमान है। सरकार को एक ऐसा स्थान निर्धारित करना चाहिये जहां ऐसी गायों को वहां रखे, जहां उसका पालन पोषण हो ताकि जिसको माता का दर्जा मिला है। वो अपमानित ना हो।



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