पत्रकार नईम क़ुरैशी - एक वक्त ऐसा भी गुजरा जब चाय के बरतन धोने पड़े थे पन्या सैपट को।

एक वक्त ऐसा भी गुजरा जब चाय के बरतन धोने पड़े थे पन्या सैपट को।
तितरी, मृग नेनी, ओजीरे दिवाने, मुनिया, पटेलण, चोसर का चक्रव्यूह, पंनछीडा, जेसी फिल्मों से अपने केरियर की षुरूआत करने वाले दीपक मीणा आज पूरे राजस्थान के चहेते हीरो है इन्होने अपनी एक्टिंग से बच्चो से लेकर बड़ो तक व औरतों का मन मोहां है राजस्थान के लोग इन्हे प्यार से पन्या सैपट नाम से बुलाते है।  इन्होने नेषनल चैनल डीडी वन के मषहूर सीरियल अकबर द ग्रेट, में भी काम किया ।
दीपक मीणा ने अपनी जिन्दगी की कुछ पर्सनल बातें पत्रकार नईम कुरेशी से साझा की। कि कैसे एक गरीब परिवार से राजस्थान के चहेते सितारे बने   
मेरा जन्म एक गरीब मीणा परिवार में हुआ जहाॅ सब लोग अषिक्षित थे। मेरे पिता जी स्व. श्री गोकुल चन्द मीणा व माता बदामी देवी की सात सन्तानों में से मैं सबसे बड़ा हूॅ मेरे पिता जी चाय की दुकान करते थे। मैं स्कूल में पढ़ने जाता और स्कूल के बाद चाय की दुकान पर काम करता। दूसरे बच्चें स्कूल की छुटटी के बाद खेलते और में दुकान पर कप गिलास धोया करता। उन बच्चों को देखकर सोचता कि काष मैं भी इनकी तरह खेल पाता, मैं बड़े लोगो के घरो में दूध देने जाता तो वहा टीवी, चलता देख सोचता कभी मैं भी टीवी, लाने लायक हो सक्ता। इसी उधेड़बून में मैं दिनरात लगा रहता। और इसी गरीबी की निर्मम मार के कारण मैं आगे ज्यादा पढ़ नही पाया और मुझे पढ़ाई छोड़नी पड़ी और चाय की दुकान पर ही पूरे दिन काम करने लगा इसी बीच मेरे पापा की आॅखंे खराब होगई और दुकान की पूर्ण जिम्मेदारी मुझ पर आगइर्। मैं दिन में चाय की दुकान पर काम करता और षाम को रवीन्द्र मंच थियेटर पर जाकर कलाकारो से अभिनय के गुर सीखता था। यहा पर दिलीप जैन ने मुझे एक अभिनय में मौका दिया और में नाटकों से जुड़ गया। मैनें कई नाटकों में काम किया। इसी बीच मेरे पिता जी का देहान्त हो गया और परीवार की पुर्ण जिम्मेदारी के कारण मुझे थियेटर छोड़ना पड़ा और मैनें एक्टिंग का ख्याल ही दिल से निकाल दिया । मैं एक प्राईवेट कम्पनी में ड्ाईवर की नौकरी करने लगा इस तरह के पापड़ बेलते हुवे मै अपने परीवार का खर्च चलाने लगा।    
            
सवाल - अपनी षुरूआती फिल्मी सफरै के बारेे में बतायें,
दीपक मीणा- एक बार 2003 की बात है रास्ते मे मेरी गाड़ी खराब होगई। तो वही में एक मैकेनिक से गाड़ी ठीक करवा रहा था। वही सामने एक काॅम्पलैक्स में बहुत भीड़ देखकर मैनें मैकेनिक पूछा ये भीड़ केसी है तो उसने बताया किसी राजस्थानी गीतों व एलबम के लिये अभिनेता -अभिनेत्रीयों के स्क्रीन टैस्ट हो रहंे हैं। ये सुन कर मेरे अंदर का एक्टर जाग उठा और मैं मेले कुचेले कपड़ो में ही वहा चला गया। और मैनें वहा जो अभिनय किया उस्से इम्प्रेस होकर मेरा सलेक्षन कर लिया गया।                                                              फिर मैने एक्टिंग षुरू की फिर मैनें पीछै मुढ़ कर नही देखा और तब से लेकर आज तक राजस्थानी कई फिल्मों में काम कर चुका हुॅ।                
सवाल- अभी किस फिल्मों में काम किया है ,
दीपक मीणा -1, डर्टी पोलोटिक्स, निर्देषक के.सी बोकाडिया है, 2, वन मोर टाईमस नि. मोन्टी षर्मा, अकबर खान, 3, उस दिषा में, नि. षमषाद पठान, 4, राजू बन गया एम.एल.ए, नि. सुमीत कुमावत, 5, मुनिया नि. ज्योती सचदेवा, 6. मजो अगायों, इन फिल्मो में काम किया है, कुछ तो अभी रिलीज होने वाली है                           
                                          
 सवाल-आप सरकार से राजस्थानी सिनेमा एंव नाटकों के लिऐ क्या अपेक्षाऐं करते है,
दीपक मीणा -और में कहना चाहुंगा राजस्थान के कलाकारो मे ऐसें कई कलाकार है जो अपने परिश्रम के बल पर ना केवल राजस्थान में अपितू भारत में अपनी छवी बनाने में सफल रहे हैं। लेकिन सरकार की उदासीनता इतनी गहरी हो गई कि उन्हे इक छोटा सा सम्मान भी नही दे सक्ती । जिनकी राजनीतितक पहुंच है व बड़े बड़ सम्मान प्राप्त कर लेते है। अकादमीयां भी भाई भतीजावाद और सांठ गांठ पर उन्ही कलाकारो को लाभ पहुॅचा रही है। लेकिन जमीन से जुड़े  कलाकार जो अपने दमखम से पहचाने जाते है सरकार उन्हें सम्मान तो दूर अपने कार्यक्रमांे में भी आमंत्रित नही करती। बड़े बड़े अफसर और मंत्रीयों की दहव संस्थाऐं सरकारी बजट को डकार रही है। सरकार ने अपने और कलाकारों के बीच कला के दलालो को जन्म दे दिया है। जिससे कलाकारों का दम घुटने लगा है। जिस सरकार ने कला और कलाकारों का षोषण किया उनका दमन किया है। वह सरकार प्रजातंत्र में तानाषाह ही तो कहलायेगी । यदि यही हाल रहा तो कलाकार एक दिन पलायन करने लग जाये इसमें कोई अतिष्योम्ति नही होगी। कला और कलाकारों के प्रति सरकार को श्रृजनात्मक और सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिये। और अंत में यही मेरी सरकार से प्राथना है कि आप हमे आषिर्वाद दें। और जिस सम्मान के हकदार है उसे देकर आप हमे जिवित रखें। और में अपने कलाकार भाईयों की तरफ से वे हमारी टीम की तरफ से अपनी चार बातें फेस न्यूज के द्वारा राजस्थान सरकार तक पहूचाना चाहता हूॅ।                  
       राजस्थान के रंगमंचीय एंव फिल्मी कलाकारो का पैनल तैयार हो। हाॅलीवुड और बाॅलीवुड की फिल्मों में राजस्थान सरकार की और से पहल हो। राजस्थान फिल्मों के विकास के स्टूडियो और तकनीकी संसाधन का राजस्थान सरकार निर्माण व स्थापना करे ताकि क्षेत्रीय फिल्म उधोग विकसित हो। राजस्थान के कलाकारो के लिए आवासीय योजना व अन्य सुविधाएं राजस्थान सरकार उपलब्ध करे जिससे उनका उज्जवल भविप्य बन सके।   
राजस्थान सरकार निवेदन करता हुॅ। हमारी इन बतो पर गोर करे। तकि हमे होस्ला मिले हम और आगे बढ़ें और अपने राजस्थन का ही नही देष का नाम भी रोषन कर सके।
                                                                                                                       
                                                                

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