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पत्रकार नईम क़ुरैशी - एक हवामहल से तो दूसरी बगरू विधानसभा क्षेत्र से है उम्मीदवार

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दोहरी जिन्दगी के साथ अब राजनीति में भी बढाएं कदम एक हवामहल से तो दूसरी बगरू विधानसभा क्षेत्र से है उम्मीदवार  राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर जिन सख्त गाइडलाइंस पर मंथन चल रहा है। इसी गाइडलाइंस के तेहत कांग्रेस पार्टी में महिला उम्मीदवारों को कम से कम 15 प्रतिशत सीटों पर प्रतिनिधित्व दिया जाना है। ऐसे में राजस्थान के विधायक में नए चेहरे शामिल होने को तैयार है। एक हवामहल से तो दूसरी बगरू विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी में शामिल है। और दोहरी जिन्दगी के साथ में अब ये महिलाओं चुनाव मेदान में उतरी है। शिक्षाविद एवं समाज सेविका डाॅ स्नेहलता डाॅ स्नेहलता भारद्वाज जिनका उदेश्य है पढ़ेगा भारत बढ़ेगा भारत, डाॅ स्नेहलता जी घर के साथ-साथ स्कूल भी चलाती है इस दोहरी जिन्दगी के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। वर्तमान में स्कूल की चार ब्रान्चेज है जो कि सभी हवामहल क्षेत्र में है। डाॅ स्नेहलता शिक्षा के क्षेत्र में 1995 से कार्यरत है। तथा बालिका शिक्षा पर ज्यादा फोकस करती है इनका मानना है आज एक लड़की शिक्षा लेती है तो आने वाली पीढ़ी का विकास होगा और समाज व देष उन्नती की ओर अग्रसर होगा।  डाॅ स्नेहल

पत्रकार नईम क़ुरैशी - राजस्थान में मुस्लिम समाज चाहता है राजनीति में हिस्सेदारी

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राजस्थान में मुस्लिम समाज चाहता है राजनीति में हिस्सेदारी मुस्लिम राजनीति में तब्दीली की बयार है। कई मसलों पर मुस्लिम नेताओं ने ऐतिहासिक चुप्पी तोड़ी है। शिक्षा और बढ़ती जागरूकता का असर दिख रहा है। लोग मुखर हुए हैं। बुद्धिजीवियों ने सार्थक हस्तक्षेप कर जता दिया है कि भारत के मुसलमानों में तरक्की पसंद होने की चाहत बढ़ी है। संजीदगी आई है। तोहमत ओढ़े रहने का खतरनाक आलस्य टूटा है। मुस्लिमों में जानेमाने समाज सेवी व्यवसायी लोगों ने अब राजनीति की ओर अपना रूख कर लिया है। अब मुस्लिम समाज अपने हक की लड़ाई खुद लड़ने के लिए राजनीति में अपने कदम रख चुका है। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवारों की सूची लम्बी हो गई है। जितने भी राजनीति दलों के नेताओं ने जयपुर के किषनपोल , आदर्श नगर , हवामहल , के विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते उन नेताओं की इन क्षेत्रों में विकास के वादों की लिस्ट तो बहुत लम्बी थी। लेकिन मुझे यहां समाजसेवी इस्