पत्रकार नईम क़ुरैशी - जनसेवा के तमाम आयामों में श्री डाॅ रवि कुमार गोयल

दुनिया में कई हस्तियां ऐसी जन्म लेती हैं जो अपने अनूठे और प्रेरक व्यक्तित्व की गंध से जमाने भर को महका जाती है और उनकी गंध अर्से तक महसूस की जाती है। ऐसे ही एक व्यक्ति थे स्वर्गीय श्री मथ्ुारालाल गोयल जिनका नाम अग्रणी पंक्ति में लिया जाता है। आज उनके पुत्र गांव-ढाणी से लेकर प्रदेष भर में उच्च शिक्षा जगत, और जनसेवा के तमाम आयामों में डाॅ रवि कुमार गोयल ने जिस विशिष्ट कर्मयोग का परिचय दिया है वह अपने आपमें विलक्षण और प्रेरणा जगाने वाला है। षिक्षा के क्षेत्र विख्यात जेआईटी काॅलेज के निदेशक डाॅ रवि कुमार एक ऐसी शख्सियत है उन्होंने शिक्षा, और समाज सेवा के क्षेत्र में अपने अनूठे कर्मयोग और सर्वस्पर्शी व्यक्तित्व की गंध बिखेरी है, डाॅ रवि कुमार गोयल की शिक्षा जगत को दी जा रही सेवाएं हर किसी को उनके प्रति सम्मान और श्रृद्धा से नतमस्तक होने को प्रेरित करती हैं।
परिचय: डाॅ रवि कुमार गोयल राजस्थान के हिंडौन सिटी में 5 जुलाई 1979 को पैदा हुए। उनके पिता स्वर्गीय श्री मथुरालाल गोयल ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया उन्होंने रेलवे स्टेशन पर पूड़ियां बैची फिर वो पंचायत में सेक्रेटरी चुने गये। लेकिन उनका सपना ये नही था उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर स्टोन का काम षुरू किया कड़ी मेहनत-लगन के साथ एक बहुत बड़ा एम्पायर खड़ा किया। हिंडोन सिटी मे किसी समय में उनका नाम नम्बर वन स्टोन के डीलरों में हुआ करता था। इतनी गरीबी से वो उठे और षिखर तक पहुचे ये उनकी बहुत बड़ी मेहनत रही। समाजिक रूप से वो ज्यादा एक्टीव रहते थे उन्होंने एक अनाथ आश्रम भी बनवाया था।  
 फैमिली परिचय: डाॅ रवि कुमार गोयल की पत्नी सीमा गोयल इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियर की पोस्ट पर है। उनके पुत्र नैतिक गोयल जो की अभी सेकंड क्लास में है।
एजुकेशन : डाॅ रवि कुमार गोयल ने पढाई की षुरूआत हिंडौन सिटी में अभय विद्या मंदिर, से की। व 11वी.12वीं की शिक्षा गंगापुर सिटी से की, इंजीनियरिंग, गवर्नमेंट इंजीयर कॉलेज कोटा से की, एम.टेक, जयपुर एम.एन.आई.टी से करने के बाद पी.एच.डी. मेकेनिकल इंजीनियरिंग में की हुई है। 
वर्तमान स्थिति : डाॅ रवि कुमार गोयल जयपुर इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी ग्रुप केनिदेशक है।
पूर्व में : डाॅ रवि कुमार गोयल ने कई संस्थानों को डेवलप करने और उनको ऊँचाईयों तक पहुचाने में विभिन्न प्रकार से अपना अमूल्य योगदान दिया है। 
विशेषता: डाॅ रवि कुमार गोयल ने सन् 2011 में जयपुर इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी ग्रुप के साथ अपनी यात्रा 200 विद्यार्थीयों के साथ शुरू की तब उन्होंने काॅलेज में नये सिस्टम डेवलप किए जिसके कारण काॅलेज में आज दो हजार के लगभग विद्यार्थी है। उस समय 10 लोगों का स्टाफ था आज 100 लोगों का स्टाफ है। डाॅ रवि कुमार गोयल इसका सारा क्रेडिट यहां की मैनेजमेंट बोडी, स्टाफ और विद्यार्थीयों को देते है। 
कार्यक्रमों के आयोजन : डाॅ रवि कुमार गोयल ने अनेकों अभियान चलाये समाज में जागरूकता लाने के लिए ताकि समाज में सुधार आये। महिलाओं के सम्मान में नारी शक्ति को लेकर कैम्पियन चलाया, उरी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी। राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत करने के लिए इण्डियन आर्मी को लेकर हुमन चैन बनाई जो रिकोर्ड बूक्स में भी पब्लिष हुई है, गर्मी में पंछियों के लिए परिण्डे बांधे कैम्पस में अभियान चलाया। रोड सैफटी के लिए अनेक कैम्पेन चलायें। ब्लड कैम्प का आयोजन किया। गांव ढाणीयों में क्लीनिंग कैम्पेन चलाया। गांव-ढाणीयों में पर्यावरण हेतु जागरूकता लाने लिए अभियान चलाया। भारतीय नववर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन किया, और विद्यार्थीयों को जागरूक किया।

प्रयास : डाॅ रवि कुमार गोयल युवाओं को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे है। उनका मानना है कि स्टूडेंट अपनी पढ़ाई तो अच्छे से कर रहे है। लेकिन समाज से कनेक्ट नही है हमारी पुरानी संस्कृति जिसके कारण हमारा देश विश्वगुरु माना जाता था। उससे कही न कही युवा दूर होता जा रहा है। हमारा प्रयास यही रहता है कि हमारी पुरानी संस्कृति हमारी सभ्यता से युवा छात्रों को कनेक्ट करें। इसके अनेक प्रयास जारी है। तथा यहां से जो विद्यार्थी पासआउट होते है वो अपने प्रोफेशन में तो अच्छे है ही लेकिन हमारी कोशिश ये रहती है कि वो अपने माता पिता और देश का नाम रोशन करें। इसके लिए भी हम हर सम्भव प्रयास करते है।
देश की सेवा के नाम एक हजार विद्यार्थी : डाॅ रवि कुमार गोयल का कहना कि जे.आई.टी ने लगभग एक हजार विद्यार्थी इंजीनियर्स पासआउट हुए हंै। जिनको हमने देश के नाम किया है। वो विद्यार्थी अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हुये देश  की सेवा कर रहे है।
युवाओं दिए रोजगार के अवसर : डाॅ रवि कुमार गोयल ने बताया यहां का जो युथ है वो 8वीं, 10वी तक पढाई करके छोड़ देता है और नोकरी करना चाहता है जोे कि पूर्ण षिक्षा न होने के कारण नही मिलती जिसके कारण वो गलत एक्टीविटी में इनवोल हो जाता है ऐसे युवाओं के लिए भी हमने रोजगार के लिए भी कई तरह के निःशुल्क कोर्स उनको सिखायें और आज वो अपनी आजीविका चला रहे है।
सरकारी स्कूल के छात्रों को जोड़ा कम्पयुटर से : डाॅ रवि कुमार गोयल ने गांव-ढाणीयों के सरकारी स्कूलों के छात्रों को फोरनाईटली काॅलेज बुलाते है और कमप्यूटर लेब पर उनको कमप्यूटर सिखाते है इससे उनकी शिक्षा को डेवलप कर रहे है। 
आदर्श : डाॅ रवि कुमार गोयल अपना आदर्श स्वामी विवेकांन्द को मानते है। उनके विचारों से ज्यादा प्रेरित हुए है। उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
लिखने का शोक : डाॅ रवि कुमार गोयल ने मैकेनिकल से रिलेटेड दस से अधिक किताबे लिख चुके है। कवीता लिखने का भी
शोक हैं तथा सौ से अधिक रिर्सच आर्टिकल लिख चुके है। लिखने का षोक: डाॅ रवि कुमार गोयल ने मैकेनिकल से रिलेटेड दस से अधिक किताबे लिख चुके है। कवीता लिखने का भी षोक हैं तथा सौ से अधिक रिर्सच आर्टिकल लिख चुके है।
 सम्मानित : डाॅ रवि कुमार गोयल को राजस्थान सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और छात्रों के बीच अभिनव संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशंसा पुरस्कार से नवाजा। कैबीनेट मंत्री श्री कालीचरन सर्राफ जी द्वारा मानव उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित हुए। भारतीय सेना के लोगो पर सबसे बड़ा मानव चेन बनाकर भारत बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में रिकॉर्ड दर्ज किया और प्रमाण पत्र प्राप्त किया। राजस्थान के आउटस्कर्ट और ग्रामीण क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान के लिए तथा अन्य कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके है।
 सामाजिक संगठनों से जुडाव : डाॅ. रवि कुमार गोयल कई सामाजिक संगठनों से जुडे हुये है और उनके माध्यम से समाज में महिला सषक्तिकरण एवं शिक्षा पर विशेष योगदान दे रहे है।
सफलता का श्रेय : अपनी सारी सफलता का श्रेय वो अपनी माँ और बडे भाई श्री भुवनेश गोयल को देते है तथा सामाजिक कार्यक्रमों में बेहद व्यस्त रहने के कारण परिवार को सम्भालने के लिए अपनी पत्नि इंजि. सीमा गोयल को अपनी शक्ति मानते है।

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