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पत्रकार नईम क़ुरैशी - कठिनाइयों से मिली सफलता

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कठिनाइयों से मिली सफलता जयपुर कपड़ा व्यापारी कम उमर के कामयाब व्याक्तियों में शुमार पवन गणपती गौड़ का जीवन संघर्ष, मेहनत, सफलता और कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य की मिसाल है। बचपन से ही संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ सफलता हासिल करने वाले पवन गणपती गौड़ का मानना है कि कठिनाइयां जिंदगी के साथ आती है लेकिन कठिनाइयों से गुजरते हुवे ही सफलता मिलती है। पवन गणपती गौड जी का जीवन विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। आगे उनके विचार और सफलता की जीवनी उन्हीं के षब्दों में- मेरा जन्म 1984 को जयपुर षहर में हुआ। में उस वक्त सेकेंड क्लास में था। जब मेरे पिता जी को व्यापार में नुकसान होने की वजह से सदमे लगने बहुत बीमार हो गये। और बहुत गरीबी-मुफलीसी में बचपन गुजरा। तथा 2007 में मेरे बड़े भाई का एक हादसे में देहांत होने की वजह से मेरा परिवार बिखर गया। इन्ही परिस्थितियों के कारण मेरी पढ़ाई पूरी नही हो पाई मुझे पढ़ाई छोड़नी पढी और जाॅब करनी पढ़ी। लेकिन उस वक्त यही दिमांग में रहा कि कुछ बनना है। मेरे जैसे बहुत लोग है जो बहुत गरीबी में आज भी अपनी जिन्दगी व्यतीत कर रहे है, में उनकी मदद करना

पत्रकार नईम क़ुरैशी - पत्रकारिता व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं : किरदार

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पत्रकारिता व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं : किरदार किरदार समाचार पत्र के संपादक, निर्भीक पत्रकार चिंतनषील निंबधकार अलहाज इफ्तिखारउद्दीन किरदार की प्रंसंगिकता आज भी बनी हुई है। यही कारण हैं कि इफ्तिखारउद्दीन आज भी हर स्वाभिमानी एवं राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक एवं कलमकार के प्रेरणापूंज बने हुए हैं। 20 जुलाई 1945 को राजस्थान के जयपुर षहर में जन्मंे अलहाज इफ्तिखारउद्दीन किरदार ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से सन् 1964 में पढ़ाई पूरी की। पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में पदार्पण करने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नही देखा। किरदार समाचार पत्र के संपादक की भुमीका इमानदारी के साथ बाखुबी निभाई और पत्रकारिता को नयी ऊंचाइयां प्रदान की तथा किरदार मुस्लिम चैरेटेबल ट्रस्ट का भी आगाज किया। उनकी प्रेरक जीवनी उन्ही की जबानी: किरदार समाचार पत्र का 1974 में संचालन किया। 1975 में कुछ परेषानी गुजरी जिसके कारण समाचार पत्र निकालने में दिक्कत आई उस वक्त मेरे पास 2 टेलिफोन हुआ करते थे जिसमें से मेने एक फोन को बेचकर अखबार षुरू किया उसके बाद मेहनत लगन के साथ लगे और सर्कूलेषन बढ़ाया और पूरा राजस्थान कवर किया। समाज

पत्रकार नईम क़ुरैशी - प्रयास, प्रयास और प्रयास से मिली सफलता

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      प्रयास, प्रयास और प्रयास से मिली सफलता किसी भी व्यक्ति की सफलता के पीछे कड़ी मेहनत, लगन, डेडीकेषन के साथ-साथ लक फैक्टर भी होता हैं। कहते है ना इंसान की मेहनत के पीछे उसकी मेहनत और भाग्य दोनों का श्रम जुड़ा रहता है और जिन लोगों को अपने भाग्य का साथ मिल जाता है, व कभी पीछे मुड़कर नही देखते....ऐसे ही परिश्रम, सर्मपण, कर्मठ और बेहद ईमानदार है मोहम्मद अशफ़ाक नक़वी यही वजह है कि व आज किसी पहचान के मोहताज नही है। जीवन परिचय: मोहम्मद अशफ़ाक नक़वी का जन्म 1963 राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में हुआ। तथा सैयद खानदान के चिराग है। अषफाक नक़वी साहब ने बी.ए, बी.एड, तथा (सी.एल.जी.) केनान पटवारी डिप्लोमा किया है। तथा 1982 से जयपुर षहर में षिक्षा के प्रचार-प्रसार में जुटे और सन् 1993 से स्वंय की षैक्षिक संस्था को संचालित किया। वर्तमान स्थिति: मोहम्मद अशफ़ाक नक़वी आजाद पब्लिक स्कूल के सचिव है, वन विहार विकास समिति के महासचिव, मदरसा फैज उल इस्लाम में सचिव, केन्द्रीय श्रमिक षिक्षा बोर्ड में सक्रिय सहयोगी सदस्य, मदरसा नुरूल इस्लाम वन विहार हाउसिंह बोर्ड में सचिव, नागरिक परिषद सूरजपोल, जयपुर म

पत्रकार नईम क़ुरैशी - मेरी प्रेरणा का स्रोत हाजी मुश्ताक अहमद साहब थे। अब्दुल रशीद

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मेरी प्रेरणा का स्रोत हाजी मुश्ताक अहमद साहब थे। अब्दुल रशीद   खुश रहो कि खुशी बांटने निकले हो। यह वाक्य दार्षनिक जरूर है, लेकिन इसमें एक व्यवहारिक सच्चाई भी है। यकीनन यदि आपका पेट भरा होगा तभी आप दूसरो के भूख के बारे में सही मायने में सोच पाएंगे। बहरहाल, कुछ ऐसे ही विचारों के साथ खुषी बांटने और जरूरतमंद की मदद के लिए समाज सेवा के क्षेत्र जुड़ेे है, अब्दुल रशीद क़ुरैशी। पारिवारिक दायित्वों के साथ ही सामाजिक दायित्वों को भी बाखुबी निभा रहे है। उन्होंने बताया कि डाॅ जाकिर सोषियल एण्ड वेलफेयर सोसायटी बल्ड डोनेषन कैम्प, मेडिकल तथा आई कैम्प लगा कर लोगों की हेल्प कर रही है। और हमारी सोसायटी के अध्यक्ष जनाब अशफ़ाक अहमद क़ुरैशी जैसा सोसीयल वर्कर पूरे राजस्थान में नही मिलेगा। जरूरतमंदों के लिए उनकी दानशीलता, जगजाहिर है। पिछले 17 वर्षो से इनके साथ जुडे है। जनाब अशफ़ाक अहमद के वालिद मरहुम जनाब हाजी मुश्ताक अहमद साहब के आदर्षों हमारी पूरी टीम चल रही है। उनसे ही हमने सामाजिक कार्यो और व्यापार करना सीखा है। वो आज भी हमे बहुत याद आते है। और आज भी हमारे दिलो में जिंदा है। जीवनी : अब्दुल रशीद क़ुरै

पत्रकार नईम क़ुरैशी - क्षेत्र के विकास के प्रति समर्पित एक व्यक्तित्व - श्रीमति कमलेश कासोटिया

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क्षेत्र के विकास के प्रति समर्पित एक व्यक्तित्व - श्रीमति कमलेश कासोटिया   श्रीमति कमलेश कासोटिया ने निकाय चुनाव के कुरूक्षेत्र में सुषीला देवी को 2609 वोटों के अंतर से हराकर जीत का बिगुल बजाया तथा वार्ड पार्षद का ताज पहना और निगम चुनाव में कमल खिलाया। सामाजिक सरोकार व महिलाओं के लिए कुछ करने की अच्छा रखने के कारण अनेक सस्ंथाओं-समितियों ने उनको सम्मानित किया। श्रीमति कमलेश कासोटिया बताती है कि उन पर समाज सेवियों का आर्षिवाद है। और उनको अपना आदर्ष मानती है। और प्रदेष अध्यक्ष अषोक परनामी से ज्यादा प्रभावित है।  जीवनी: श्रीमति कमलेश कासोटिया का जन्म जयपुर के धानकिया गाव में 1987 को हुआ तथा पढ़ाई जयपुर के सत्यसाई गल्स काॅलेज से पूरी की अभी वार्ड 50 की पार्षद है। और आरएसएस से जुड़ी है। महेष कासोटिया से उनका विवाह हुआ, महेष कासोटिया एक सामाजिक कार्याकर्ता है तथा व कन्ट्रेक्षन का कार्य करते है। परिवार का मिला सहयोग: पार्षद बनने के बाद जहां दोहरी जिम्मेदारी आई। श्रीमति कमलेश कासोटिया बताती है। ऐसी स्थिति में मुझे परिवार का भरपूर सहयोग मिला। मेरे पति ने मुझे आगे बढ़ने में पूरा सहयोग किया।

पत्रकार नईम क़ुरैशी - गुरू के ज्ञान से मिली सफलता। महिपाल

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गुरू के ज्ञान से मिली सफलता। महिपाल समाज की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित करना ही सही मायनों में सच्ची सेवा है। यह कहना है जयपुर निवासी महिपाल सिंह का। उन्होंने समाज सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया लिया है। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्होंने रक्तदान जैसे महान कार्य को चुना। महिपाल सिंह ने बताया मेरी गुमनाम सी जिन्दगी को सही राह दिखानेे वाले सिर्फ गुरूजी है। बहुत कम समय में गुरूजी से बहुत कुछ सीखा है। उन्ही के आर्षिवाद से संस्था का संचालन किया है। गुरु जी की सीख मेरे जीवन के लिए प्रेरणा बनी है  जीवनी: महिपाल सिंह का जन्म 1981 को जयपुर में हुआ। तथा पढाई भी जयपुर से की है। वर्तमान में ””मान्सी नवज्योती संस्था“ के अध्यक्ष है। तथा प्रपर्टी का व्यवसाएं करते है। उपलब्धि: धार्मिक रेलियों में फ्रूट तथा पानी-षरबत वगेरा वितरण, ब्लड कैम्प लगवाये, अनेक जिलो से जयपुर आने वाले रोगियों का इलाज करवाया। तथा अपनी प्रयासो से हर तरीके से उनकी सहायता की। उद्ष्य: गरीब व बेसहारा बुजुर्गो जो निराश्रित होते है उनके लिए वृद्धाश्रम बनाना चाहता हुँ। यह मेरी दिल की तम्नना है में उनकी दिल से सेव

पत्रकार नईम क़ुरैशी - माँ से बड़ा कोई नाम नहीं, माँ से बड़ा कोई तीर्थ धाम नहीं। रजा मुराद

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माँ से बड़ा कोई नाम नहीं, माँ से बड़ा कोई तीर्थ धाम नहीं। रजा मुराद मुम्बई - श्री विश्वकर्मा इन्टरटेनमेंट के बैनर तले माँ सती पदमा माता ग्रुप ,माता मोहनीदेवी शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट व नवचेतना संस्थान प्रस्तुत राजस्थानी फिल्म “ माँ ” का मुम्बई के एस आर एस स्टुडियो मे नेमीचन्द शर्मा, सुमेरमल यु सुथार व नवचेतना संस्थान द्वारा निर्मित और कुमार आचार्य के निर्देशन मे, गीतकार रफीक राजस्थानी,  गोपाल कृष्ण योगेश, रमेश मोदी, खुशविन्दर मीणा व विष्णु विक्रम के गीतों को आसिफ चांदवानी ने संगीत बद्ध किया और आवाजें दी है बाॅलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर जावेद अली और रितुराज तथा राजा हसन ने। इस अवसर पर  मशहूर खलनायक रजा मुराद और मास्टर राजू श्रेष्ठा ने नारियल फोडकर राजस्थानी फिल्म “ माँ ” के गानों की रिकार्डिंग का शुभारंभ किया। रजा मुराद ने फिल्म के गानों को सुनकर कहा की यह राजस्थानी फिल्म “ माँ ” राजस्थान सहित देश विदेश मे भी अपना परचम फेहरायेगी क्योंकि इस फिल्म का विषय ही “ माँ ” है और दुनिया मे जिसने माँ से प्रेम नही किया वो किसी से प्रेम नही कर सकता और नाही किसी का हो सकता है । ऐसा ही कुछ ताना बा