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पत्रकार नईम क़ुरैशी - न्यू एड एन फेस पत्रिका के पत्रकार नईम कुरैशी प्रियदर्शनी इन्दिरा गांधी अवार्ड से सम्मानित

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न्यू एड एन फेस पत्रिका के पत्रकार नईम कुरैशी प्रियदर्शनी इन्दिरा गांधी अवार्ड से सम्मानित जयपुर: किरदार मुस्लिम चैरिटेबल ट्रस्ट ने उज्जवल भविष्य की कामना के साथ पत्रकार नईमकुरैशी को पत्रकारिता के क्षेत्र प्रियदर्षनी इन्दिरा गांधी अवार्ड नवाजा। इससे पहले भी मुस्लिम प्रतिभा व अनेक अवार्डो से नवाजे जा चुके है। जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान सभागार में किरदार मुस्लिम चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित मेधावी मुस्लिम छात्राओं एवं वरिष्ठ नागरिक व पत्रकारों का सम्मान समारोह में न्यू एड एन फेस पत्रिका के राजस्थान ब्योरो चीफ नईम कुरैशी को पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रियदर्शनी इन्दिरा गांधी अवार्ड से सम्मानित किया गया। ये अवार्ड उन्हें समारोह मुख्य अतिथि पूर्व चिकित्सा मंत्री एए खान उर्फ दुर्रू मियां ने माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। रिपोर्टर विजय षर्मा

पत्रकार नईम क़ुरैशी - समाज सेवा की बेहतरीन मिसाल थे सलीम कागजी, दुनिया से हुए रूखसत

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समाज सेवा की बेहतरीन मिसाल थे सलीम कागजी, दुनिया से हुए रूखसत जयपुर: राजस्थान हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन, जयपुर शहर जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सलीम कागजी को नम आखों से सैकड़ों लोगों ने रूखसत किया। दिनांक 27 नवम्बर 2016 को सलीम कागजी का दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इंतकाल हो गया था। अगले दिन सैकड़ों की तादात में मौजूद लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इससे पहले उनकी जनाजे की नमाज अदा की गई, जिसमें लोगों ने कागजी की मगफिरत के लिए खुदा की बारगाह में दुआ की। उनके जनाजे को सांगानेर स्थित कागजी कब्रिस्तान में ले जाया गया और सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उल्लेखनीय है कि जनाब कागजी का लम्बी बीमारी के बाद इन्तकाल हो गया था।  सन् 1931 में पैदा हुए सलीम कागजी ने लम्बे समय तक कांग्रेस की राजनीति को संभाला, और कांग्रेस के परम्परागत वोट बैंक कहे जाने वाले मुस्लिम वर्ग का जुड़ाव बनाए रखा। हाजी सलीम कागजी न सिर्फ पेपर की दुनिया में नाम कमाया बल्कि समाज सेवा में भी अपनी ऐसी छाप छोड़ी जिससे कि उनके क्षेत्र का नाम कागजी के नाम से मषहूर है। तथा उन्होंने नौजवानों की बेरोजगारी दूर करने की काफी ह

पत्रकार नईम क़ुरैशी - अच्छे व्यक्तित्व से ही इंसान परेशानियों से बाहर निकल सकता हैं : वलीउर्रहमान

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अच्छे व्यक्तित्व से ही इंसान परेशानियों से बाहर निकल सकता हैं : वलीउर्रहमान   इंसान के व्यक्तित्व की पहचान उसके आचारण व चेहरे पर विद्यमान कांतिमय तेज से होती है। इसी गुण के जरिए इंसान बड़ी से बड़ी परेशानियों से जल्द बाहर निकल जाता है। ऐसे व्यक्तित्व के धनी है जनाब वलीउर्रहमान जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर व्यापार जगत में भी सफलता हासिल की तथा जिन्होंने समाज सेवा को भी अपना लक्ष्य बनाया है। जनाब वलीउर्रहमान का जन्म जयपुर में सन् 1968 में हुआ। तथा उन्होंने बी.ए तक पढ़ाई की। तथा 1996 से जैम्स एण्ड ज्वैलरी का व्यवसाय कर रहे है। पुर्व में 8 साल नेपाल में भी व्यापार किया। तथा 1998 से युरोप जर्मन, फ्रांस, ईटली, पुर्तगान, लंदन, में भी जैम्स एण्ड ज्वैलरी एक्सपोर्ट का व्यवसायं कर रहे है। तथा आॅनलाईन भी कर रहे है। इसके अलावा प्रोपट्री का भी साइड में कार्य करते है। जनाब वलीउर्रहमान का एक बेटा है जुनेदुर्रहमान जो कि ग्रेजुएषन की पढ़ाई कर रहा है। तथा इसके अलावा जैम्स एण्ड ज्वैलरी के काम को भी प्रमोट कर रहा है। जिसके सिलसिले में हाल ही में नेपाल भी होकर आया है। जनाब वलीउर्रहमान हमदर्द

पत्रकार नईम क़ुरैशी - यूथ के दिल की आवाज है जयपुर के उभरते सिंगर अफसार अली

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यूथ के दिल की आवाज है जयपुर के उभरते सिंगर अफसार अली                जयपुर के उभरते युवा सिंगर अफसार अली जिस तरह से संघर्ष कर के यह गायक अपनी मंजिल की कहानी लिख रहा है। इनकी जीवनी किसी और की जिंदगी के लिए कोई नया रास्ता दिखा सकती है। स्कूल टाईम से अफसार अली को गायकी का शौक था, स्कूल के प्रोग्रामों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया करते और उस वक्त भी अपनी सुरीली आवाज के दमपर सभी के दिलों में अपनी जगाह बना लेते थे। तब से इन्होंने गायकी दुनियां को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया और गायकी के कुछ गुरर गुरूजी हनुमान सहाय जी से सीखें और गायकी का अनुभव लिया उसके बाद इन्होंने पहला शौ जी मरुधरा पर किया जहां पर यह फस्र्ट विनर रहे। उसके बाद अफसार अली ने कभी पीछे मुढ़कर नही देखा।     आज इस उभरते सितारे के कुछ गीत वायरल हो रहे है। इनके गाने की धूम सब जगह देखी जा सकती है और सब से ज्यादा हलचल सोशल मीडिया पर हो रही है क्योकि आजकल दुनिया में सबसे मजबूत जगह के रूप में यह मीडिया लेती जा रही है। अफसार अली को श्ब्बीर कुमार के साथ भी गाने का मौका मिला जहां उनकी आवाज का जादू दर्शको के सर चड़कर बोला। अफ

पत्रकार नईम क़ुरैशी - सिराजुद्दीन कुरैशी-एक कर्मठ समाज सेवी

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सिराजुद्दीन कुरैशी-एक कर्मठ समाज सेवी   अगर आपको खिदमत करनी है तो घड़ी मत देखो और वक्फ करना हो तो खर्च मत देखो बुजुर्गों की तरफ से कहा जाने वाला यह पैगाम मो. सिराजुद्दीन कुरैशी अध्यक्ष युवा जमियतुल कुरैश, जयपुर (विकास समिति) पर सही बैठता है, युवा जमियतुल कुरैश की ओर से समाज में किए जा रहे कौम की खिदमत के काम, खासकर अहले मुस्लिम इज़्तेमाई शादी निकाह सम्मेलन। बढ़ती महंगाई में बढ़ते फिजूल खर्ची तथा गैर इस्लामी रस्मों-रिवाजों से कौम को बचाने के लिए युवा जमियतुल कुरैश की ओर से उठाया गया कदम बेमिसाल है। मो. सिराजुद्दीन कुरैशी उर्फ मुन्ना कुरैशी का जन्म 1978 में गणतंत्र दिवस के मौके पर जयपुर महानगर में हुआ। वर्तमान में सिराजुद्दीन कुरैशी युवा जमियतुल कुरैश, जयपुर (विकास समिति) के अध्यक्ष है। युवा जमियतुल कुरैश, जयपुर (विकास समिति) का 2014 में चुनाव हुआ जिसमें सिराजुद्दीन कुरैशी को कूल 438 वोट मिले, तथा उन्होंने 165 वोटों से जीत हासिल की। और युवा जमियतुल कुरैश, जयपुर (विकास समिति) के अध्यक्ष बने। मो. सिराजुद्दीन कुरैशी पार्षद चुनाव भी लड़ चुके है जिसमें उनको करीब

पत्रकार नईम क़ुरैशी - दूसरो को आगे बढ़ाकर मिली संतूष्टी, मौहम्मद सलीम

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दूसरो को आगे बढ़ाकर मिली संतूष्टी   हमारे देश कुछ ऐसी भी शख्सियतें पैदा हुई है। जिन्होंने खुद से ज्यादा दूसरों को आगे बढ़ाने का ज्यादा प्रयास किया। जनाब मौहम्मद सलीम का भी महानुभवी लोगों व दिग्गज नेताओं से अच्छा व्यवहार रहा लेकिन उन्होंने हमेशा अपने मित्रों व करीबी लोगों को उन महानुभवीयों से मुलाकात कराई और उनको आगे लाने व उनकी सफलता के लिए मार्गदर्शन करवाये, अनेक रासते दिखाएं। मौहम्मद सलीम ने हमेशा ज्यादा समय सोशल वर्क में व्यातीत किया। मौहम्मद सलीम का जन्म जनाब हाजी मौहम्मद्दीन के यहां सन् 1959 में जयपुर शहर में हुआ। वर्तमान में नेशनल इंटीग्रेशन फोरम (राष्ट्रीय एकता मंच) के सन् 1993 से जुड़े हुवे है तथा प्रदेश अध्यक्ष है। सन् 1996 से जन साध्य समाचार पत्र के संवाददाता भी है। मौहम्मद सलीम पुर्व में जयपुर शहर युवक कांग्रेस कमेटी के सन् 1989 में जिला संयोजक व कांग्रेस में जयपुर शहर महामंत्री भी रहे। सन् 1991 में नागरिक सुरक्षा जोन-12 वार्ड सेक्टर 557 में वार्डन. पांच वर्षों तक रहे। सन् 1996 में तिवाड़ी कांग्रेस में उपाध्यक्ष रहे। सन् 1997 में शांति काॅलोनी विकास समिति

पत्रकार नईम क़ुरैशी - हिन्दू-मुस्लिम आपसी भाईचारे की मिसाल

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हिन्दू-मुस्लिम आपसी भाईचारे की मिसाल एक-दूसरे की पत्नियों को किडनी देकर, दिया इंसानियत का संदेश इस समय जहां देष में प्रदेष में सामप्रदायिकता का जहर घोलने का काम भुुद्ध स्तर पर चल रहा है। हिन्दू को मुस्लिम से लड़ाने के नये नये कार्यक्रम चल रहे है। देष में नफरत की राजनीति का बोलबाला चल रहा है। ऐसे कठिन हालात में भी जयपुर के व्यवसायी समाज सेवी मो. इस्लाम कुरैषी कारपेट ने मेहनत, मष्क्कत करके एक बे मिसाल काम को अन्जाम दिया जिसकी चर्चा आज पूरे प्रदेष में हो रही है। एक ऐसी मिसाल देखने को मिली है, जिसे जानकर आप हैरान रह जायेगें। जयपुर स्थित मौनीलेक हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर में दो हिंदू-मुस्लिम परिवार के पतियों ने एक-दूसरे की पत्नी को किडनी दी है। और इंसानियत का संदेश दिया है। तीन माह से डायलेसिस व इलाज चल रहा था। पति का भी ब्लड ग्रुप मैच नही हुआ।  तसलीम जहां जो की काॅफी समय से किडनी रोग से पीड़ित थी।   और डाक्टरों के अनुसार तसलीम की दोनो किडनीया खराब हो चुकी थी और जिन्दगी बचाने का सिर्फ एक ही रास्ता था किडनी ट्रासप्लाटेषन, तसलीम की जान बचाने के लिए उसका पति अनवार अपनी एक किडनी दान

पत्रकार नईम क़ुरैशी - व्यापार जगत की राजस्थान में अनुठी पहचान सुरेश कुमार अग्रवाल

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व्यापार जगत की राजस्थान में अनुठी पहचान सुरेश कुमार अग्रवाल व्यापार जगत में अपनी एक अलग पहचान और मुकाम बनाने की सोच रखने वाले प्रदष की गोरवमयी संस्था फेडरेषन आॅफ राजस्थान ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री (फोर्टी) के अध्यक्ष सुरेश कुमार अग्रवाल। फेडरेषन आॅफ राजस्थान ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री फोर्टी के नाम से प्रसिद्ध है, सुरेश कुमार अग्रवाल जी करीब 20 वर्षो इस महत्वपूर्ण संस्था से जुड़े हुवे है। पिछले वर्षो के दौरान फोर्टी के अन्तर्गत कई महत्वपूर्ण बदलाव आये तथा सभी सदस्यों ने अपनी जिम्मेदारी निभाकर फोर्टी को आगे बढाया। प्रदेष के व्यापार व उद्योग जगत की सबसे बड़ी एपेक्स संस्था फोर्टी का सुरेष कुमार अग्रवाल जी दूसरी बार अध्यक्ष बनाया गया। परिचय: सुरेश कुमार अग्रवाल ने बी. काॅम दिल्ली यूनिवर्सीटी से किया। तथा सुरेश कुमार अग्रवाल जी गंगानगर मोटर्स लिमिटेड, व मातास्टोन पी.वी.टी. लिमिटेड, के डायरेक्टर है। राजस्थान आटोमोबाइल डीलर एसोसिएषन के भी अध्यक्ष रह चुके है। इसके अलावा आॅल इण्डिया मारवाड़ी यूवा मंच के भी अध्यक्ष रह चुके है। तथा पोलो कल्ब, गोल्फ कल्ब के वर्तमान में मेम्बर है। फोर्टी से जुड़े रहने के

पत्रकार नईम क़ुरैशी - अपने क्षेत्र के प्रिय और बहुत ही सफल व्यवसायी। हाजी उसमान खान

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अपने क्षेत्र के प्रिय और बहुत ही सफल व्यवसायी। हाजी उसमान खान   हाजी उसमान खान समाज के एक सम्मानित व्यक्ति है, तथा अपने क्षेत्र के प्रिय और बहुत ही सफल व्यवसायी है। जनहित कार्य करने का हमेषा षौक रखते है तथा सभी धर्मो के लोगों से जुड़े है और समाज में एक अच्छा सद्भावना  का मैसेज देने की कोषिष कर रहे है। हाजी उसमान खान जी अपनी प्रेरणा का स्रोत अपने पिता जनाब हाजी एहसान खान को मानते है जिनसे उनको सकारात्मक प्रेरणा मिली। उसमान खान जी का कहना है कि मेरे पिता जनाब हाजी एहसान खान पुर्व मुख्यमंत्री पहाड़िया जी के समय में कांग्रेस सेवादल में मुख्य अधिकारी रहे। मैने उनसे ही प्रेरणा ली उनसे ही समाज सेवा सीखी है। वो समाजसेवा तथा जनसेवा से हमेषा जुड़े रहे। किराने की दुकान थी उनकी और उसी से घर-बार चलाते थे। मुझे उन्होंने ही पढ़ाया लिखाया है उनकी वजह से में आज इस मुकाम पर हुँ।ं और मेरे पिता ने ही मुझे राजनीति में आने के लिए पे्ररित किया।    परिचय: उसमान खान जी का जन्म सन् 1962 में जयपुर में हुआ तथा उन्होंने जयपुर से आईटीआई की पढाई की। और डिप्लोमा इन मैकेनिकल बोम्बे पाॅलिटेक्निक काॅलेज से किय

पत्रकार नईम क़ुरैशी - सफलता छुपी है आपकी सादगी और बडप्पन में

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सफलता छुपी है आपकी सादगी और बडप्पन में    राजस्थान के वरिष्ठ नेताओं में शुमार पुर्व सांसद महेश जोशी का जीवन संघर्ष, मेहनत सफलता और कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य की मिसाल है। इन्होंने अपनी सादगी, सरलता, सेवा और त्याग की बदौलत जनमानस में अमिट स्थान बनाया है। बचपन से ही संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ सफलता हासिल करने वाले श्री महेश जोशी ने अनुषासित रहते हुए भी सकारतमक काम किये और एक साधारण जिन्दगी व्यतीत की तथा जिनका एजेंडा चुनावी षगल नही, बल्कि जयपुर का विकास रहा। यह उनका संकल्प षक्ति की पराकाष्ठा थी जयपुर के विकास के लिए उनकी सक्रियता से पुर्व सांसद श्री महेश जोशी की षख्सियत को आम जनों की श्रद्धा पूर्वक मान्यता मिल गई। जीवन परिचय: पुर्व सांसद श्री महेश जोशी का जन्म सन् 1954 को जयपुर में हुआ। उन्होंने एम.ए सोषियोलाॅजी से किया व पी.एच.डी. सोषल साइंस से तथा राजस्थान विष्वविद्यालय से पत्रकारिता में पी.जी डिप्लोमा भी किया है। श्री महेश जोशी जीे टेलीकाॅम आॅपरेटर रहे, प्रिंटिंग प्रेस का व्यवसाएं भी किया, तथा सिलाई वगैरा का भी कार्य किया है। काम को कभी छोटा-बड़ा नही समझा जो भी व्यवसायं मिला

पत्रकार नईम क़ुरैशी - आमजन के मान-सम्मान की रक्षा करना, हमारा पहला कर्तव्य। अब्दुल रशीद

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आमजन के मान-सम्मान की रक्षा करना, हमारा पहला कर्तव्य।  अब्दुल रशीद    हाजी अब्दुल रशीद राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण संस्थान के माध्यम से हर व्यक्ति को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी देना ही मानव अधिकार का मतलब है, हाजी अब्दुल रषीद का कहना है कि ऐसे हक जो हमारे जीवन और हमारे मान-सम्मान से जुड़े हों। मानव अधिकार जो कानून के तहत आते हैं। इसी विषय पर आमजन को जानकारी देना व उनके मान-सम्मान की रक्षा करना ही राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण संस्थान के हर कार्याकर्ता का पहला कर्तव्य है। परिचय: हाजी अब्दुल रषीद का जन्म सन् 1969 को जयपुर में हुआ। 10वीं तक पढ़ाई की है। हाजी अब्दुल रषीद राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण संस्थान के जयपुर जिला अध्यक्ष है, तथा राजस्थान के प्रभारी भी है। इस सस्ंथा के पदाधिकारी कौन है? राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण संस्थान के संरक्षक. आर के आकोदिया जी है। जो कि पुर्व सैषन नियाय धीष है। व इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष. ए एस आजमी है, जो कि सुप्रीम कोर्ड के सीनियर लाॅयर है। तथा प्रदेष अध्यक्ष. मोहम्म्द हनीफ है। जयपुर जिला सचिव इरफान अहमद है। हमारा संगठन मानव अधिकार का ही एक विंग

पत्रकार नईम क़ुरैशी - मुश्किलें हमेशा खुद को परखने का मौका देती है। मोहम्मद खान साहब

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मुश्किलें हमेशा खुद को परखने का मौका देती है। मोहम्मद खान साहब ”आदमी वो जो मुष्किल में भी परेशान ना हो,  और कोई भी ऐसी मुष्किल नही जो आसान ना हो“ यह उक्त विचार जनाब मोहम्मद खान साहब के है। मुष्किलें मुसीबतें सभी की जिंदगी में लगी रहती है, लेकिन जो इंसान इनसे घबराता नही है और खुद को इनसे बड़ा बना लेता है वही आदमी सफल और कामयाब हो पाता है। मुष्किलों के पहाड़ का सीना चीरते हुए माँ की दुआओं से सफलता हासिल की जनाब मोहम्मद खान साहब ने। जिन्होने समय की कीमत को समझा और मां की दुआओं व अपनी मेहनत के दम पर एक अलग मुकाम हासिल किया। खान साहब का मानना है कि जब कोई परेषानी आए तो परेषानी को समझने की कोशिश करनी चाहिए, मुश्किलें हमेशा खुद को परखने का मौका देती है। खान साहब का एक षेर है, वो कहते है कि   ”अगर सच्ची लगन हो तो वक्त भी रूक जाता है, आस्मा लाख उंचा हो मगर झूक जाता है“     जीवन परिचय: मोहम्मद खान साहब का जन्म मेरठ के एक कस्बे में 1975 को हुआ। खान साहब के पिता जनाब मेहमूद खान एक किसान थे। जब खान साहब 5 साल के थे तब उनके पिता का दिहांत हो गया। खान साहब अपने भाईयों में सबसे छोटे थे। पित

पत्रकार नईम क़ुरैशी - शिक्षा के क्षेत्र में समाज सेवा

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शिक्षा के क्षेत्र में समाज सेवा गुडलक चिल्ड्रन स्कूल के डायरेक्टर मों. अन्सार खान विगत 27 वर्षों से षिक्षा क्षेत्र से जुड़े है। उन्होंने कठोर परिश्रम, योग्यता, बुद्धिमता तथा दूरदर्षिता से विद्यालय को उच्च स्तर पर पहुंचाया। इसी का परिणाम है कि आज दोनों विद्यालयों ने कच्ची बस्तीयों की हर झोपड़ पट्टी को षिक्षा से रोषन किया है। इस का श्रेह मों. अन्सार खान के बड़े भाई मों. अतीक साहब को जाता है।   जीवनी: मों. अन्सार खान का जन्म नवाबों की नगरी टोंक में 1977 को हुआ। तथा उन्होंने ग्रेजुएषन सन् 1999 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से की तथा बी.एड भोंपाल बरकातुल्लाह विष्व विद्यालय, माध्यप्रदेष से सन् 2008 में की। विद्यालय की षुरूआत कब और कैसे हुई? मेरे वालिद मों. षफीक साहब ने 10 वर्ष तक मस्जिद में इमामत की है। उनके ही विचारों व आदर्षो से इस विद्यालय को षुरू किया। हमारे वालिद ने ही हम दोनों भाईयों को विद्यालय की जमीन खरीद कर दी। आमागढ़ षक्ति काॅलोनी में 1989 में गुडलक पब्लिक स्कूल षुरू किया वर्तमान में जिसमें 716 बच्चे है। तथा आजाद नगर में 1996 से गुडलक चिल्ड्रन स्कूल चल रहा है जिसमें वर्तमान

पत्रकार नईम क़ुरैशी - राजस्थान की आवाज शराब मुक्त राजस्थान

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        राजस्थान की आवाज शराब मुक्त राजस्थान शराब  हमेशा से मानव समाज के लिए एक अभिषाप रही है। इसके सेवन से अनगिनत लोगों की मौत होती होती रही है इसका सेवन दुनिया के लाखों लोगों के लिए दुःख और परेषानी का कारण बनता है। षराब मानव समाज को पेष आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का दुनियावी सबब रही है। अपराधों की दर में जिस तरह दिन-प्रतिदिन अभिवृद्धि हो रही है, लोगों की मानसिक रोगों की घटनाओं में बढ़ोŸारी हो रही है, विकल चलाते समय दुर्घटनाएँ होती हैं तथा लाखों लोगों के परिवारिक जीवन छिन्न-भिन्न हो रहे हैं, अनगिनत अपराध होते है, इन सबके पीछे षराब की ख़मोष विध्वंसकारी षक्ति कार्य कर रही है। शराब की लत में युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में तेज़ी से आ रही है। षोधकर्ताओं के अनुसार षराब के ज्यादा सेवन से 200 बीमारियों का खतरा है। षराब के सेवन आपकी प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है और इसके चलते न्यूमोनिया और टीबी जैसी अनेक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सरकार को इस ओर विचार करने की जरूरत है। राजस्थान में षराबबंदी को लेकर कई संगठन आंदोलन चला रहे है, जनता में इसको लेकर रोष है। लेकिन सरकार के कुछ मंत्री षराबबंदी

पत्रकार नईम क़ुरैशी - इंसानियत की मिसाल है। डाॅ ललित कुमार बाँगा

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इंसानियत की मिसाल है। डाॅ ललित कुमार बाँगा   डाॅ ललित कुमार बाँगा अपने इस व्यस्त जीवन में भी वह अपने दैनिक कार्यों को पूरे अनुशासनात्मक ढंग से पूरा करते हैं। सच बोलना और ईमानदारी की राह पर चलने को भी वह सफलता का सबसे बड़ा मंत्र मानते हैं। व अपने जीवन में खान-पान में संयम, अनुशासनात्मक जीवन तथा खुश रहना तथा दूसरों को खुश रखना ही उनके जीवन का मूल मंत्र हैं। इसके साथ ही व अपने इष्वर को भी कभी नही भूलते व कहते है कि में उस इष्वर को जब याद करता हूँ तो मन भावूक हो जाता है क्यूकि उसने मुझे औकात से ज्यादा दिया है। और मेरी प्रेरणा भी वही है, तो रखवाला भी वही है, में उसकी छत्रछाया में हूँ तो सिक्योर हूँ, वो मेरा सब कुछ है। वो मुझे मेरी ओकात रोज याद दिलाता है। और मेरी औकात भी इतनी है कि मुझे एक दिन एक थेली में ले जाकर गंगा में बहा दिया जायेगा। और दिवारों पर लिखे नाम ये बिल्डिंगे सब मिट जायेंगे। बस कर्म ही एक ऐसी चीज है जिसकी सुगंध रह जायेगी। यह उक्त विचार डाॅ ललित कुमार बाँगा के है।  परिचय: डाॅ ललित कुमार बाँगा का जन्म सन् 1968 को अलवर में हुआ। पढ़ाई उन्होंने जयपुर में ही पूरी की। तथा

पत्रकार नईम क़ुरैशी - कठिनाइयों से मिली सफलता

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कठिनाइयों से मिली सफलता  देश व दुनिया में अपनी पहचान रखने वाली साड़ी व्यवसाय में कोलकाता , बनारस , सूरत की तरह ही जयपुरी साड़ीयो की भी अपनी ही पहचान हैं इसी व्यापार से जुड़े हुए जयपुर कपड़ा व्यापारी साड़ी व्यापार में सबसे कम उम्र के कामयाब व्याक्तियों में शुमार SS TRADELINK (a unit of teÛtile agency) के डायरेक्टर श्री पवन गणपती गौड़ का जीवन संघर्ष, मेहनत, सफलता और कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य की मिसाल है। बचपन से ही संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ सफलता हासिल करने वाले पवन गणपती गौड़ का मानना है कि कठिनाइयां जिंदगी के साथ आती है और बिना किसी कठिनाई के जीवन में कुछ पाना व्यर्थ  हैं, व जीवन ही संघर्ष हैं और सच्ची सफलता कठिनाइयों से गुजरते हुवे ही मिलती है। आपने पिता को ही प्रेरणा मानने वाले पवन गणपती गौड जी का जीवन विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। आगे उनके विचार और सफलता की जीवनी उन्हीं के शब्दों  में-   मेरा जन्म 1984 को जयपुर शहर  में हुआ। परिवार में माता पिता व हम 4 बहन भाई थे  परिवार में सिर्फ पिता ही कामाने वाले एकमात्र व्यक्ति थे बेहद गरीबी में जीवन व्यत