संदेश

जून, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पत्रकार नईम क़ुरैशी - एक वक्त ऐसा भी गुजरा जब चाय के बरतन धोने पड़े थे पन्या सैपट को।

चित्र
एक वक्त ऐसा भी गुजरा जब चाय के बरतन धोने पड़े थे पन्या सैपट को। तितरी, मृग नेनी, ओजीरे दिवाने, मुनिया, पटेलण, चोसर का चक्रव्यूह, पंनछीडा, जेसी फिल्मों से अपने केरियर की षुरूआत करने वाले दीपक मीणा आज पूरे राजस्थान के चहेते हीरो है इन्होने अपनी एक्टिंग से बच्चो से लेकर बड़ो तक व औरतों का मन मोहां है राजस्थान के लोग इन्हे प्यार से पन्या सैपट नाम से बुलाते है।  इन्होने नेषनल चैनल डीडी वन के मषहूर सीरियल अकबर द ग्रेट, में भी काम किया । दीपक मीणा ने अपनी जिन्दगी की कुछ पर्सनल बातें पत्रकार नईम कुरेशी से साझा की। कि कैसे एक गरीब परिवार से राजस्थान के चहेते सितारे बने     मेरा जन्म एक गरीब मीणा परिवार में हुआ जहाॅ सब लोग अषिक्षित थे। मेरे पिता जी स्व. श्री गोकुल चन्द मीणा व माता बदामी देवी की सात सन्तानों में से मैं सबसे बड़ा हूॅ मेरे पिता जी चाय की दुकान करते थे। मैं स्कूल में पढ़ने जाता और स्कूल के बाद चाय की दुकान पर काम करता। दूसरे बच्चें स्कूल की छुटटी के बाद खेलते और में दुकान पर कप गिलास धोया करता। उन बच्चों को देखकर सोचता कि काष मैं भी इनकी तरह खेल पाता, मैं बड़े लोगो के घर