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पत्रकार नईम क़ुरैशी - कौम की खिदमत के लिए हमेषा तैयार रहते है। हाजी सर्इद कुरैशी

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कौम की खिदमत के लिए हमेषा तैयार रहते है। हाजी सर्इद कुरैशी  हाजी सर्इद कुरैषी आज किसी परिचय के मोहताज नही, अपनी अलग सोच होने के कारण हमेषा से ही दूसरो से अलग सोचते है। कौम सेवा ही एक ऐसी राह है, जिस पर में चलना चाहते है। राजनीति तथा विवादों से दूर रहते है। लेकिन साथ ही साथ कांग्रेस के सच्चे सिपाही भी है कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित है। हाजी सर्इद कुरैषी रामगंज व्यापार मंठल में 15 वर्षो से महासचिव के रूप में अपना अमूल्य योगदान दे रहे है। तथा आल इणिडया जमियातुल कुरैषी सोसायेटी में भी महासचिव है, कौम की खिदमत के लिए हमेषा तैयार रहते है। हाजी सर्इद कुरैषी बताते है कि कुरैषी समाज सहित सभी निर्धन परिवारो को एक जुट कर उनमे दहेज़ की फिजूल खर्ची के खिलाफ जज़्बा पैदा कर न्यूनतम राषि में सामूहिक विवाह सम्मेलन का ऐतिहासिक कार्य करनी वाली आल इणिडया जमियातुल कुरैषी कमेटी है। जिससे में पिछले करीब चार वर्षो से जुड़ा हु। ये एक मात्र ऐसी संस्था जो सर्व समाज के लिए काम करती है जैसे विवाह सम्मेलन समाज में फैली बुराइयों को दूर करना देष में भार्इचारे को बनाये रखना अच्छे नम्बरों पास होने वाले बच्चों

पत्रकार नईम क़ुरैशी - एकता की मिसाल कायम किये हुवे है। घी वाला परिवार

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एकता की मिसाल कायम किये हुवे है। घी वाला परिवार गफूर कुरैषी जयपुर के जानेमाने उन व्यकितयों में से थे, जिनको पहचान की कभी जरूरत नही पड़ी, पाच पीडि़यों से जिनकी दुकान पानो के दरीबे में सिथत है। गफूर भार्इ घी वालो के नाम से पहचाने जाते थे सेवा भाव से समाज की सेवा की और उनके यहां 30 जून 1957 में एक पुत्र का जन्म हुआ जिनको अधिकांष लोग मोहम्मद इसलाम कुरैषी के नाम से जानते है। और पिता के नक़्षे कदम पर चलते हुवे ही इसलाम कुरैषी अपनी जिन्दगी व्यतीत कर रहे है। जयपुर में इनका जन्म हुआ तथा यही इन्होने ग्रेजुएषन की पड़ार्इ पूरी की। इसलाम कुरैषी समाज की सेवा के लिए हमेषा उपसिथत रहते है उन्होने अपने प्रयासो से कौम के लिए जो कार्य किये वो तारीफे काबिल है। अनेक संस्थाओं से जुड़े है। और 58 वर्ष की आयू में भी समाज सेवा के लिये उनमें जो जज़्बा है वो कही कम नही दिखता है। घी वाला परिवार के नाम से विख्यात है जयपुर षहर में यह परिवार एकता की मिसाल कायम किये हुवे है। जहां आज के युग में भार्इ-भार्इ में नही निभ रही है, वही ये मुसिलम परिवार एक हिंदू परिवार से घी के व्यवसाय में पाच पीडि़यों से साझेदारी किये ह

पत्रकार नईम क़ुरैशी - अनिल लोहानामेरे आदर्श है। दौलत त्रिलोकानी

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अनिल लोहाना ने मंदिर का पूर्ण निर्माण करवाकर रेगरों को एक अनमोल तोहफा दिया है। राजेन्द्र कुमार उज्जेनिया अनिल लोहाना मेरे मेरे आदर्श है। दौलत त्रिलोकानी   अनिल लोहाना उन प्रेरक व्यकितयों में से है जिन्होंने षून्य से षिखर तक की यात्रा कर यह अच्छी तरह जता दिया कि बुद्धि और विवके की बदौलत संघर्षों के पहाड़ों से लोहा लेते हुए व्यकित यदि चाह ले तो सफलता के षिखरों को छू लेना कोर्इ कठिन कार्य नहीं। अनिल लोहाना का एक मात्र यही लक्षय है ट्रस्ट के माध्यम आमजन को लाभ मिले। माता पिता की स्मृति में ही ट्रस्ट की स्थापना की गर्इ जिससे सैकड़ो लोगों को अभी तक लाभ मिल रहा है। लोगों के दिलों पर राज करते है बेबाक विचारों के धनी श्री अनिल लोहाना मानों जैसे उनहोनें अपना पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया है। छात्रों के लिए यूनिर्फाम व फीस प्रबंध, पर्यावरण संरक्षण तथा जल बचाओं व स्वच्छता, परिंडे अभियान, अनेक तरह के कैम्पो का आयोजन करा चुके है। मेरे आदर्ष है। दौलत त्रिलोकानी अनिल लोहाना ने जयपुर, रेगरो के मोहल्ले में मंदिर का पूर्ण निर्माण करवाकर रेगरों को एक अनमोल तोहफा दिया है। पाच किलो मीटर दू

पत्रकार नईम क़ुरैशी - खैतो में काम क्या बड़ी मेहनत से

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फकरूद्दीन खान साहब ने खैतो में काम क्या बड़ी मेहनत से अपने बच्चे मोर्इनुद्दीन खान को अच्छी तालीम के साथ अच्छी परवारिस भी की! जयपुर-मां बाप अपनी औलाद के लिए क्या-क्या नही करते मेहनत मजदूरी हर वो काम जिस्से वो अपने बच्चो का पैट भर सके और अच्छी से अच्छी तालीम देने की कोषिष करता हैं और यह उम्मीद अपनी औलाद से करता है कि वो बडे़ होकर उसका सहारा बने उसके कंधे से कंधा मिला कर चलेगा। उनका नाम रोषन करेगाा। बहुत कम ऐसे लोग होते है जिनकी औलाद उन मां बाप की उम्मीद पर खरा उतरती है फकरूद्दीन खान साहब ने खैतो में काम क्या बड़ी मेहनत से अपने बच्चे मोर्इनुद्दीन खान को अच्छी तालीम के साथ अच्छी परवारिस भी की एक अच्छा इन्सान भी बनाया जो आज उनका नाम रोषन कर रहा है अपने मां बाप की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी पूरी कोषिष करतेे है और आज अच्छी पोस्ट पर रहकर दूस्रो को फायेदा पहुचा रहे है। मोर्इनुद्दीन खान आज अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी है और अल्पसंख्यकों भरपूर फायेदा पहुचा रहे है। जयपुर में मदरसों स्कूलों मे छात्रवृति देना उनको योजनाओं के बारे में केम्प लगाकर बताना व हर स्कूल मदरसो में जाकर पम्पलेंट के द्वा

पत्रकार नईम क़ुरैशी - जनता को झूठे सपने दिखाती कांग्रेस व भारतीय जनता पाटी -अहसान अंसारी

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जनता को झूठे सपने दिखाती कांग्रेस व भारतीय जनता पाटी -अहसान अंसारी जैसा की जनता को मालूम है कि कांग्रेस सरकार भ्रपटाचार में लिप्त है उधर भारतीय जनता पाटी भी अपने आपको साफ सुतरा बनाने में लगी है लेकिन आज जनता अपना भला बुरा समझती है व दोनो पार्टी के कार्य देख चुकी है। ऐसे में जनता के पास तीसरा विकल्प है अब जनता का वक्त है कि जब वो भ्रपटाचार में लिप्त पार्टीयो को सबक सिखा सके। ये कहना है समाजवादी पार्टी के प्रदेष सचिव अहसांन अंसारी का और उन्होने कहा की जनता को चाहीये तीसरी पार्टी के रूप में समाजवादी पार्टी को चुने कियूं कि एक समाजवादी पार्टी है जो जनता को उनके वोट का हक अदा करती आर्इ है और करती रहेगी। जो काम साल में समाजवादी पार्टी के मुख्य मंत्री श्री अखीलेष यादव जी ने किया है वो कोर्इ और पार्टी नही कर सक्ती। 5 मर्इ 2013 को प्रकाषित

पत्रकार नईम क़ुरैशी - जन सेवा को समर्पित - भाटी परिवार

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             जन सेवा को समर्पित - भाटी परिवार राजस्थान की राजधानी जयपुर सिथत भटटा बस्ती क्षेत्र वार्ड नं. 69 की काग्रेंस पार्पद क्षी मति रोषन रज्जाक भाटी एवं राजस्थान प्रदेष काग्रेंस कमेटी ;कच्ची बस्ती प्रकोप्ठद्ध के प्रदेष अध्यक्ष श्री अब्दुल रज्जाक भाटी ऐसे दम्पति है जो जन सेवा को ही अपने कर्म मानते है भटटा बस्ती क्षेत्र में अल्प संख्यक मुसिलम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद हिन्दू एवं मुसिलम आपस में भार्इचारा अगर है तो उसकी वजह भाटी परिवार है सन 1985 से कागेंस पार्टी के सकि्रय व कर्मठ कार्यकर्ता श्री भाटी गरीब एवं दलितो की हर संभव मदद के लिए तत्पर रहते है यही कारण है कि इस क्षेत्र की अवाम भी इनका तह दिल से इज्जत और सम्मान करती है  यही कारण है जिसकी वजह से श्री अब्दुल रज्जाक भाटी राजस्थान प्रदेष काग्रेंस कमेटी ;कच्ची बस्ती प्रकोप्ठद्ध के तीसरी बार प्रदेष अध्यक्ष बने है। जाति एवं धर्म से उपर उठकर श्री अब्दुल रज्जाक भाटी हर समुदाय के लिए हमेषा गरीब और पीडि़तों के लिए उपलब्ध रहते है।  हिन्दी एवं उर्दू भापा पर पूरी पकड़ रखने वाले श्री अब्दुल रज्जाक भाटी ने अपनी जीवन संगिनी श्री मति रोषन

पत्रकार नईम क़ुरैशी - लड़का हो या लड़की मजहबी तालीम के साथ साथ दुनिया की तालीम भी आज देना जरूरी है। नर्इमुददीन कुरैशी

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लड़का हो या लड़की मजहबी तालीम के साथ साथ दुनिया की तालीम भी आज देना जरूरी है। नर्इमुददीन कुरैशी जयपुर जामा मसिजद व कुरेषी ब्रादरी के अध्यक्ष, जनाब नर्इमुददीन कुरेषी का कहना है वर्तमान समाज में खूनी रिष्तों में इतनी नफरत बढ़ रही है कि खूनी रिष्ते ही एक दूसरे का खून बहा रहे है, रिष्तो मे आ रही कड़वाहट एक त्रासदी बन रही है आज जमीन जायदाद के लिए बाप बेटे भार्इ भार्इ इक दुसरे का खून बहा रहे है आज रिष्तो की परिभापा  बदलती जा रही है, आज इन्सान माया के कारण इतना अंधा हो गया है, कि रिष्तों की अहमियत भूलता जा रहा है, जिन मा बाप ने कर्इ तकलीफें परेषानयां उठार्इ अपना पेट काट कर  जिन्हें पाला वही बच्चे आज अपने मा बाप की इज्जत नही करते व जमीन जायदाद के लिए उनके उपर हाथ उठाते है दोस्तों य हमारी गलती है हमने तालीम नही ली तो अपने बच्चो को भी तालीम नही दी। और कोर्इ अच्छा रोजगार भी हमारे पास नही दोस्तों आज जरूरत है तालीम की लड़का हो या लड़की बिना भेद भाव रखें दोनो को मजहबी तालीम के साथ साथ दुनिया की तालीम भी आज देना जरूरी है तभी हम व हमारे बच्चे रिष्तों की अहमियत को समझ पायेगें और सरकारी नोकरी या स्

पत्रकार नईम क़ुरैशी - काग्रेंस नि स्वार्थ राष्ट्रहित के लिए कार्य करती है। नवाब खलीक खा

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काग्रेंस नि स्वार्थ राष्ट्रहित के लिए कार्य करती है। नवाब खलीक खा राजस्थान में नवाबों की ऐतिहासिक नगरी टोंक अपनी खास नजाकत, व गंगा- जमुनी तहजीब का यही सरमाया लेकर टोंक सारी दुनिया का खैर मकदम पूरी गरमजोषी के साथ करता है जहां के होनहार नवाब खलीक खा जनाब मोहम्मद अली खा के पोते जिनका जिक्र करते हुए खुषी का एहसास होता है समाज सेवा करना जरूरत मंदो को इंसाफ दिलवाना अपना कर्तवे समझने वाले अल्पसंख्यक विभाग प्रदेष प्रवक्ता नवाब खलीक खा साहब का कहना है काग्रेंस नि स्वार्थ राष्ट्रहित के लिए कार्य करती है। हमारी राजस्थान सरकार ने जो जयपुर षहर गुलाबी नगरी के नाम से मषहूर है उसकी गुलाबी में चार चाद लगाये वजीरे आला जनाब अषोक गहलोत ने वो कबिले तारीफ है ये जो पूरे राजस्थान में विकास दिख रहा है यह सिर्फ काग्रेंस षासन में ही सम्भव है। जनाब अषोक गहलोत की कार्यषैली प्रषंसा के लायक है 27 जून 2013 को प्रकाषित

पत्रकार नईम क़ुरैशी - बालिका शिक्षा देगें तो कर्इ घरो का विकास होगा : खानू खान बुधवाली

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बालिका शिक्षा देगें तो कर्इ घरो का विकास होगा : खानू खान बुधवाली . जयपुर, खानू खान बुधवाली को अल्पसंख्यक विभाग राजस्थान का प्रदेष अध्यक्ष बनाये जाने पर काँग्रेंस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग द्वारा खानू खान व कार्यकर्ताओ का सम्मान समारोह र्इदगाह दिल्ली बार्इपास में आयोजन हुवा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजीव अरोड़ा (योजना अयोग चैयरमेंन) श्री संजय बापना (सचिव आल इणिडया काग्रेंस कमेटी) सैय्यद आसीफ अली (सचिव जिला काग्रेंस कमेटी) श्रीमती अर्चना षर्मा (जिला अध्यक्ष जिला काग्रेंस कमेटी जयपुर देहात) ़़उपसिथत रहे। राजीव अरोड़ा, ने अपने सम्बोधन में कहा हमारे राजस्थान में ऐसी योजनाए निकली है। जिनका पूरे देष में कोर्इ मुकाबला नही है। हमारे मुख्य मंत्री ने गोषणा की है जो पैसेंजर ऐक्सप्रेस वोलवो या कोर्इ भी बस हो राजस्थान के अन्दर आती जाती हो तो उसमें हमारी माता बहन और बच्चीयों को व बुजुर्गो सारे सिटीजनो को भी 30 प्रतिषत छूट दी जायगी ऐसा संवेदन षील मुख्य मंत्री हमे कोर्इ दूसरा नही मिल सक्ता। आज केदार नाथ उत्तराखण्ड में दुर्घटना हुर्इ है हमारे मान्य मुख्य मंत्री महुदय सबसे पहले मुख्य मंत्री थे

पत्रकार नईम क़ुरैशी - काग्रेंस पार्टी के लिऐ सुचारू रूप से कार्य करना रशीद अली की हाबी है।

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काग्रेंस पार्टी के लिऐ सुचारू रूप से कार्य करना रशीद अली की हाबी है। जयपुर, गरीब असहाय लोगों की सेवा एवं बिना किसी भेदभाव के काग्रेंस पार्टी के लिऐ सुचारू रूप से कार्य करना रषीद अली की हाबी है। काग्रेंस अभाव अभियोग प्रकोष्ठ जयपुर षहर महामंत्री रषीद अली का कहना है, जब जब भी किसी प्रदेष या देष पर प्राकृतिक आपदा आर्इ तो देषवासियों की सहायता के लिए सबसे आगे काग्रेंस नजर आर्इ और जब जब काग्रेंस की सरकार रही तब तब विकास नजर आया आज मजदूर से लेकर किसानो तक और गरीब से लेकर बिजनेसमेंन तक की काग्रेंस मदद कर रही है आज बुजर्गो और विधवाओं को पैंसन दी जा रही है किसानो को आसान व सस्ते लोन दिये जा रहे है आज काग्रेंस से हर इंसान को फायदा पहुच रहा है आज अमीराें व गरीबों को दवार्इयां फ्री मिल रही है जाचें फ्री में हो रही है 27 जून 2013 को प्रकाषित

पत्रकार नईम क़ुरैशी - कैसे गरीब गुजर बसर करता है सुखपाल

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          कैसे गरीब गुजर बसर करता है सुखपाल जयपुर - सुखपाल बंसवाल जयपुर में पैदा हुए। इनका बचपन गरीबी में बीता है, इस ही लिए यह जानते है गरीबी क्या होती है कैसे गरीब गुजर बसर करता है सुखपाल जी जब बहुत छोटे थे जब उनके पिता श्री गोविन्द राम बसवाल जी का स्वर्गवास हो जाने की वजह से घर की सारी जिम्मेदारी सुखपाल जी पर आगर्इ और अपनी घर की जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी मेहनत और लगन से आज समाज में एक अच्छे मुकाम पर है यही वजह है गरीब लोगो के लिए सदैव तत्पर रहतें है। और गरीब वर्ग के लोगो की सेवा को ही अपना धर्म व कर्म मानते है। और चाहते है ज्यादा से ज्यादा वक्त गरीबों की सेवा में लगा रहे। अच्छा कार्य करके लोगो का दिल जीतना और उनके कार्यो को पूरा करवाना इनकी हमेषा से कोषिष रही। घाटी करोलान, खों नागोरियान, विकास समिति के उपाध्यक्ष व राजपा पार्टी के सक्रिये कार्यकर्ता है। और इनके कार्यो को देखते हुवे 16.09.2013 को नेषनल पीपुल्स पार्टी राजपा, की प्रदेष अध्यक्ष श्रीमति गोलमा देवी की अनुमति से आपको एन पी पी, राजपा, राजस्थान प्रदेष के जयपुर षहर जिले का जिला मंत्री पद पर हार्दिक षुभकामनाएं देते हुए म

पत्रकार नईम क़ुरैशी - मैं संतुष्ट कि मुझे जनता की सेवा का मौका मिला। सतीश कुमार

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मैं संतुष्ट कि मुझे जनता की सेवा का मौका मिला। सतीश कुमार दिनांक 28 सितंबर 2013 जयपुर के खों नागोरीयान, क्षेत्र के थाना अधिकारी, सतीष कुमार का कहना है कि र्इमानदारी और मेहनत के बल पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है।  और मेरा यह भी मानना है किसी भी कार्य को करने में थोड़ी बहुत मुषिकलों का सामना तो करना ही पड़ता है लेकिन हमे हर वक्त उन मुसीबतों से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। और आज में जो यहां तक पहुचा हु व पिता जी के बताए मार्ग पर चलकर ही पहुचा हु जो में पुलिस सेवा के जरिये कर पा रहा हुं वह षायद कभी न कर पाता। जनता से जुड़ने का जो मौका मिलता है वह किसी और काम में नही मिल पाता। मैं संतुष्ट कि मुझे जनता की सेवा का मौका मिला।             पुछे गए एक सवाल के जवाब में सतीष कुमार ने कहा देखिए हमने यह वर्दी हमने जनता की सुरक्षा के लिए पहनी है। हमारा सर्वोपरि कार्तव्य है, सबसे पहले जनता को राहत देना है। हमारे पास जो भी पीडि़त आते हैं तो हमारा कर्तव्य है कि सबसे पहले उनकी समस्या सुनकर एफआर्इआर दर्ज करे। और उस पर जल्द से जल्द उचित कार्यवाही करे। और अपराधी चाहे कितना भी षातिर क्यों न हो हम उसे

पत्रकार नईम क़ुरैशी - हमारी सड़के टूटी फूटी है पैमंद से भरी हुर्इ है। सलीम खान

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हमारी सड़के टूटी फूटी है पैमंद से भरी हुर्इ है। सलीम खान जयपुर - दिनांक 8 अगस्त 2013 सलीम खान, जयपुर में जाने माने इ्रंसानो में से है इनका मकसद जिन्दगी में कुछ करना है बचपन से ही समाज की सेवा का षोक रखने वाले सलीम खान बहुजन समाज पार्टी में जिला उपाध्यक्ष के पद पर रह कर कार्य कर रहे है । सलीम खान का कहना है हम पहले बी.जे.पी. में थे फिर काग्रेंस में 8 वर्ष तक रहे अब पिछले 7 वर्षो से बहुजन समाज पार्टी से जुड़कर गरीबों की सेवा कर रहे है बहुजन समाज पार्टी से जुड़कर ही ऐसा लगा है यही वो पार्टी है जो नि-स्वार्थ काम करती है हर समाज के लिए काम करती है कोर्इ भेदभाव नही किसी भी जाती से नही रखती है इस युग में ऐसी पार्टी मिलना मुषिकल है आज कल जो टिकिट लेकर सिर्फ अपना फायदा करते है आज की राजनीति सिर्फ नीजी स्वार्थ की है। आज जब राजस्थान में चुनाव का वक्त करीब है तो राजस्थान की दुर्दषा सुदारनें में लगे है लेकिन आज भी हमारे षहर जयपुर के अन्दर की हकीकत यह है। हमारी सड़के टूटी फूटी है पैमंद से भरी हुर्इ है। मेन सिटी चार दीवारी एम आर्इ रोड गली मोहल्ले टूटी फूटी सड़को से गंदगी से भरे हुवे है। जनता क

पत्रकार नईम क़ुरैशी - तभी हमारा देश महान बनेगा। वली उर्र रहमान

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तभी हमारा देश महान बनेगा। वली उर्र रहमान उपाध्यक्ष वली उर्र रहमान का कहना है हमारा भारत महान कहने से नारे लगाने से महान नही होगा। महान तब होगा, समाज मेंं फेली कुरीतियों को खत्म किया जाए। आज हमारे समाज मे औरतो के साथ जुल्म हर दिन बड़ते ही जा रहे। भ्रूण हत्या दहेज उत्पीडन बलात्कार इन दिनों महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं में उफान सा आ गया है। ऐसा कोर्इ दिन नही बीतता जब हमारे आखबारों में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं की खबर न आती हो। और अत्याचार भी एक से बढ़कर एक हो रहे है। पाच सात ग्यारह वर्ष की बचिचयों के साथ अमानुषिक बलात्कार की घटनाए घटती है। युवतियों व महिलाओं के बारे में ये कहा जाता है अपने पोषाक चाल-ढाल से पुरूषों की काम वासना को भड़काती है, इन मासूम बचिचयों में भला इन हैवानो को कौनसा आकर्षण दिखता है ये कैसे उनको उकसाती है ये समझ से परे है। में देष विदेष में कर्इ वर्षो सेे जवाहरात का व्यापार कर रहा हु जब वहां अपने देष की मासूम बचिचयों के साथ बलात्कार की घटनाओं पर चर्चा करते हुए सुनता हु तो मुझे बहुत बुरा महसूस होता है। अब मुख्य प्रष्न यह है कि महिलाओं का सम्मान कैसे लौटाया जा

पत्रकार नईम क़ुरैशी - स्केटिंग में स्टंड के गुरू शाहबाज सिददीकी

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        स्केटिंग में स्टंड के गुरू शाहबाज सिददीकी जयपुर : शाहबाज सिददीकी ने भूटान, बंग्लादेष, थार्इलैंड, जैसे देषों में  स्केटिंग में स्टंड दिखाकर विदेषो में भी नाम कमाया और आपने षहर नाम रोषन किया, और इसके अलावा भारत के मसूरी, व मेरठ, सहित कर्इ षहरोें में बड़े-बड़े प्रोग्रामों में अपने स्केटिंग में एक से बढ़कर एक स्टंडों से दर्षकों का मन मोह लिया और स्केटिंग में काफी लोकप्रियेता हासिल की, तथा उन्हेे अवाडोर्ं से सम्मानित भी किया गया। शाहबाज सिददीकी जयपुर में विषेष पहचान रखते है और अपनी मंजिल तक पहुचने के लिए संघर्ष कर रहे है, स्केटिंग में अपने देष और अपने परिवार के विकास के लिए हर संभव प्रयत्न करतें हैं। शाहबाज सिददीकी मूलत: राजस्थान के जिला करोली गांव टोडा भीम के रहने वाले है। बचपन से ही देष के लिए कुछ करने का जस्बा रखने वाले पिछले सात वर्षो से स्कूलों व पार्को तथा अपने एसोसिएषन, (इंडिया क्लब एंड ग्रुप जयपुर), द्वारा कर्इ स्केटिंग क्लासे निरन्तर चलाते है।  शाहबाज सिददीकी बताते है, कि जब वे किसी को स्केटिंग सिखाते है तो सबसे पहले उनकी सुरक्षा का ख्याल रखते है। सिखाने से पहले मै

पत्रकार नईम क़ुरैशी - आज के युवाओं में काम करने का समर्पण हैं, लेकिन उसके पास परिणाम प्रापित के लिए संयम और समय नही है। यासमीन फारूकी

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आज के युवाओं में काम करने का समर्पण हैं, लेकिन उसके पास परिणाम प्रापित के लिए संयम और समय नही है। यासमीन फारूकी   अपनी संस्कृति से जुडे रहकर नयी विचारधारा के पथ पर अंतगति तक बढ़ने वाले लोग बहुत कम ही मिलते हैं। कुछ ऐसे ही पुराने और नये जमाने का कामिबषन हैं, श्रीमती यासमीन फारूकी। इन्होंने अपनी कौम के काम को समाज सेवा को तथा अपनी विचारधारा को इस तरह अपनाया कि वे इससे अलग ही नही थी, वैसे ही अपनी संस्कृति और विचारों को भी सहेज कर रखा है। श्रीमती यासमीन फारूकी का जन्म 2 अगस्त 1954 को टोंक में हुआ। दस वी तक टोंक में पढ़ार्इ की उसके बाद ग्रेजूऐषन जयपुर में की। पिछले 25 वर्षो से समाज व कौम के लिए काम कर रही है, और सभी समाज के लोगों में पहचान रखती है। आज उनको किसी भी पहचान की जरूरत नही कर्इ सरकारी विभागों में पहचान रखती है व उनसे समाज व कौम का काम कराना भी जानती है। यही वजह है लोंग अपनी परेषानीयों को लेकर उनके पास आते है, और व अपने मषवरों से अपनी कोषिषो से उसकी परेषानीयों दूर करती है। और इसी समाज सेवा को देखकर उनके पति षमीम फारूकी भी उनका उत्साह बढ़ाते है वे पूरा पूरा सहयोग भी देते है यासम

पत्रकार नईम क़ुरैशी - पुर्व सांसद महेष जी भाई साहब से सीखा सभी धर्मों का सम्मान करना। करीम कुरेशी

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पुर्व सांसद महेष जी भाई साहब से सीखा सभी धर्मों का सम्मान करना। करीम कुरेशी किसी भी व्यक्ति की सफलता के पीछे कडी मेहनत, लगन, डेडीकेषन के साथ- लक फैक्टर भी होता हैं। और जिन लोगों को अपने भाग्य का साथ मिल जाता है, वे कभी पीछे मुड़कर नही देखते। जयपुर में जन्मे अब्दुल करीम कुरैषी समाज के प्रति निष्ठा एवं लगन अब्दुल करीम कुरैषी को मुस्लिम महासभा मे तीसरी बार षहर जयपुर अध्यक्ष बनाया गया।  पिता अब्दुल कय्यूम से मिली प्रेरणा उन्होनें बताया कि हुवा यू मेरे पिता जी कई बार कहते थे बैटा दूसरो के लिये जीना सीखों, खुद के लिए सब जीते है इंसान वही है जो दूसरो के लिए जीता है। तब मेरे दिल से आवाज आई और मुझे पिता जी से जन सेवा की प्रेरणा मिली जब से में समाज सेवा में लगा हुॅ। पूछे गये सवाल के जवाब में अब्दुल करीम कुरैषी ने बताया कि हम खानदानी कांग्रेसी है, जब तक हमारे भाई साहब महेष जोषी जैसे नेता पार्टी में है, जब तक हम पार्टी से जुड़े रहेगें। राजनीति में अगर कोई नेता है तो वे पुर्व सांसद महेष जोषी है, बिना किसी भेदभाव के सभी समाज के लोगो का काम करते है हमने उनसे ही सीखा है सभी धर्मो का सम्मान कर

पत्रकार नईम क़ुरैशी - माॅ बाप का सपना था कि में डाॅक्टर बनू और उन्ही की दुआओं का नतीजा है, कि में आज इस मुकाम पर हुॅ।

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माॅ बाप का सपना था कि में डाॅक्टर बनू और उन्ही की दुआओं का नतीजा है, कि में आज इस मुकाम पर हुॅ। कार्यक्षेत्र से लेकर निजी लाइफ में परेषानियां सभी के साथ आती है, लेकिन हर परेषानी के सामने घुटने टेक देने का नजरिया इंसान को कमजोर व उसकी दक्षता पर सवालिया निषान लगा देता है। जिंदगी जीना के नाम है, हर परेषानी को सकारात्मक सोच के साथ हल किया जाए तो लाइफ को बेहतर से बहतरीन बनाया जा सकता है। प्रोफेसर गुलाम कुतब चिष्ती भी जीवन को लेकर काफी सकारात्मक है। व एक कुषल प्रषासनिक डाक्टर होने के साथ-साथ बेहतर राजपुताना मेडिकल काॅलेज के प्रिंसीपल भी है। गुलाम कुतब चिष्ती का जन्म 15 फरवरी 1956 को सहारनपुर जिले के रूड़की षहर में हुआ। वे बताते है कि उनके पिता सूफीयत किस्म के थे, उन्होने मुझे डाॅक्टर बनाने के लिए अपनी हैसियत के मुताबिक तमाम कोषिष की, उनका सपना था कि में डाॅक्टर बनू समाज की सेवा करू, और आज उन्ही की मेहनत और दुआओं का नतीजा है, कि में इस मुकाम पर हुॅ। षुरूआती तालीम मैनेे यू.पी से ही हासिल की, जबकी 1974 में जयपुर आया और यही से मैने मेडिकल की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद 1986 से

पत्रकार नईम क़ुरैशी - देश और जनकल्याण को समर्पित जीवन

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 देश और जनकल्याण को समर्पित जीवन विद्वानों ने जन सेवा तथा परोपकार को जो भगवद्भक्ति कहा है वह ठीक ही है। जिस मनुषय के हृदय में जन जन के लिये प्रेम का प्रवाह बह रहा होगा वही जन सेवा में प्रवृत्त होगा। उनके हृदय में निवास करने वाला यह प्रेम ही परतात्मा रूप है। जन-सेवा के माध्यम से मनुष्य इसी हृदयस्थ प्रेम को परितृप्त करता है, और इस प्रकार वह परमात्मा को ही भक्ति करता है। यूवाओं के लिए प्ररेणा का पर्याय बन चुके श्री अनिल लोहाना। प्रखर बुद्धि और बेबाक विचारों के धनी श्री अनिल लोहाना मानों जैसे उनहोनें अपना पूरा जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया है। मां के संस्कार जीवन की नींव मजबूत करते हैं। तो वहीं पिता की प्रेरणा जीवन को सही दिषा और उंचाइयां प्रदान करने में सहायक होती है। तभी तो कहते हैं इस दुनिया में माता-पिता ही भगवान का रूप होते है। आज भले ही उनके मां बाप इस दुनिया में नही है, लेकिन अनिल लोहाना आज भी उनका नाम रोषन किये हुवे है, उन्होने अपने माता पिता के नाम पर एक ट्रस्ट बनाया और इसी ट्रस्ट द्वारा मंदिर भी बनवायें और यही नही उन्होने सो के करीब निःशुल्क चिकित्सा व रक्तदान शिविर आयोज

पत्रकार नईम क़ुरैशी - एक वक्त ऐसा भी गुजरा जब चाय के बरतन धोने पड़े थे पन्या सैपट को।

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एक वक्त ऐसा भी गुजरा जब चाय के बरतन धोने पड़े थे पन्या सैपट को। तितरी, मृग नेनी, ओजीरे दिवाने, मुनिया, पटेलण, चोसर का चक्रव्यूह, पंनछीडा, जेसी फिल्मों से अपने केरियर की षुरूआत करने वाले दीपक मीणा आज पूरे राजस्थान के चहेते हीरो है इन्होने अपनी एक्टिंग से बच्चो से लेकर बड़ो तक व औरतों का मन मोहां है राजस्थान के लोग इन्हे प्यार से पन्या सैपट नाम से बुलाते है।  इन्होने नेषनल चैनल डीडी वन के मषहूर सीरियल अकबर द ग्रेट, में भी काम किया । दीपक मीणा ने अपनी जिन्दगी की कुछ पर्सनल बातें पत्रकार नईम कुरेशी से साझा की। कि कैसे एक गरीब परिवार से राजस्थान के चहेते सितारे बने     मेरा जन्म एक गरीब मीणा परिवार में हुआ जहाॅ सब लोग अषिक्षित थे। मेरे पिता जी स्व. श्री गोकुल चन्द मीणा व माता बदामी देवी की सात सन्तानों में से मैं सबसे बड़ा हूॅ मेरे पिता जी चाय की दुकान करते थे। मैं स्कूल में पढ़ने जाता और स्कूल के बाद चाय की दुकान पर काम करता। दूसरे बच्चें स्कूल की छुटटी के बाद खेलते और में दुकान पर कप गिलास धोया करता। उन बच्चों को देखकर सोचता कि काष मैं भी इनकी तरह खेल पाता, मैं बड़े लोगो के घर

पत्रकार नईम क़ुरैशी - मेरे फ़ेवरेट है माधुरी व् मिथुन दा। जाहिर शेख

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पत्रकार नईम क़ुरैशी - कम उम्र में सफलता पुर्वक बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं।

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किशन सिंह- राजस्थान के उन सक्षम और चुनिंदा पुलिस अधिकारियों में है। जिन्होंने काफी कम उम्र में सफलता पुर्वक बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं।   श्री किशन सिंह- ने जिन जिलों में अपनी सेवाएं दी वहां वो हमेशा  अपने सुधारवादी कार्यों के कारण चर्चा में रहें। पहली पोस्टिंग 1996 सब इंस्पेक्टर के पद पर बीकानेर, उसके बाद थाना प्रभारी रहे चुरू, रतन नगर चुरू, दौसा मण्डावर , महुआ , मानपुर , में पूरी लगन व इमानदारी के साथ काम करने बाद 2009 में प्रमोशन मिला और अभी पुलिस निरिक्षक यातायात नार्थ प्रभारी, के पद पर है। सहज सरल और ईमानदार स्वाभाव के पुलिस निरिक्षक यातायात ,किशन सिंह का कहना है। कि वह जब तक डयूटी पर रहेंगे बिना किसी स्वार्थ के जनता की समास्याओं को दूर करने का प्रयास करते रहेंगे। और उन्होनें कहा पुलिस का काम बड़ी जिम्मेदारी का होता है देश की जनता बहुत विष्वास करती है इसलिए अपने काम पूरी निप्ठा व ईमानदारी से करता हूॅ ताकि जनता का विष्वास जीत सकु।   

पत्रकार नईम क़ुरैशी - हर फन के फनकार है, इकराम राजस्थानी

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 हर फन के फनकार है, इकराम राजस्थानी राजस्थानी फिल्मो के जादूगर कहे जाने वाले इकराम राजस्थानी .का कहना है में इतना लिखू कि एक संदेष बनकर जीऊ यह मेरी कल्पना है लोगो को इक दुसरे से जोड़ने का काम हमेषा से करते आए है राजस्थान ही नही पूरे भारत में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले इकराम राजस्थानी, राजस्थान के चैमू जिले में 1946,मे पैदा हुअ आज भी रूके नही है फिल्मो के लिए गीत व षायरी ,लिख रहे है हिन्दू मुस्लिम सिंख इसाई हर धर्म को जोड़ने का काम करने वाले इकराम राजस्थानी से आपको परीचित करा रहे है आपको लिखने का षौक कब से हुआ? हम एक पढ़े लिखे परिवार से तो है ही लेकिन यह लिखने का जो षौक मुझे लगा वो मुझे मेरे पिता जनाब अलाउद्दीन खान जी मिला उनको लिखने का बहुत षौक था जो कुछ मैने सीखा है उन्ही को देखकर सीखा है लिखने का काम बहुत पहले से किया जब में स्टूडैन्ट था तब से ही लिख रहा हुॅ लिखते-लिखते लोगो ने कहा में गीत लिखूु तो मेनें राजस्थानी कई गीत लिखें। आपके फिलमी जीवन के सफर के बारे में बताऐ? दस साल तक मैनें टिचिंग जाबॅ किया, फिर में आकाषवाणी बतोर अनाउंसर मेरी एंट्री हुई फिर में स्क्रिपट राईटर बन

पत्रकार नईम क़ुरैशी - फलक को जिद है अगर बिजलियाॅ गिराने की तो - हमें भी जिद है वही आषियां बनाने की -लखविन्द्र सिंह

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फलक को जिद है अगर बिजलियाॅ गिराने की तो - हमें भी जिद है वही आषियां बनाने की -लखविन्द्र सिंह जयपुर: राजस्थान में कुछ समय से हल चल हो रही है लखन्द्रि सिंह कोन है कहा से आया है और आते ही राजस्थान के लोगो में यह केसी उर्जा पैदा कि वो अपने राजस्थान की फिल्मों की तरफ आकर्षीत हो रहे है और राजस्थान के जो कलाकार मुम्बई गये थे वो भी वापस आने लगें है। जहां राजस्थान में फिल्म बनाना एक चुनौती पूर्ण काम है वहीं लखविन्द्र सिंह ने इस चुनोती को स्वीकार करतें हुवे एक फिल्म बनाई माटी के लाल. जो कि राजस्थान के लोगो ने बहुत पसंद की उसके बाद दूसरी फिल्म मेहर करो पिपलाज माता, इन दो फिल्में में लखविन्द्र सिंह ने डायरेक्षन किया यह दो फिल्में राजस्थान में अच्छी चली लेकिन जितना सोचा था उतना अच्छा रिस्पोंस नही मिला। लखविन्द्र सिंह ने काफी सोच विचार किया के किस तरहां लोगो का ध्यिान राजस्थानी फिल्मों की तरफ खीचा जाये बहुत विचार करने के बाद फिर इक फिल्म बनाई जिसका नाम रखा  भवरी, उस समय राजस्थान में भवरीं कांड गरमाया हुआ था हलाकी उसमें भवरी की कोई भी जीवन की वास्तविक्ता नही थी भवरी, की रिलीजिंग होते ही सिनेमा म

पत्रकार नईम क़ुरैशी - वर्दी पहनने का मकसद नि:सुवार्थ भाव से जनता की सेवा करना। डी.सी.पी.हैदर अली जैदी

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वर्दी पहनने का मकसद निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करना-डी.सी.पी हैद़र अली जैद़ी कहते हैं कि मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनकेसपनों में जान होती है सिर्फ पंखों से कुछ नही होता, दोस्तों हौसलों से उड़ान होती है। सन् 1963 में जन्मे हैद़र अली जैद़ी मूल रूप से राजस्थान के जयपुर जिले के रहने वाले हैं। जयपुर में ही रहकर उन्होंने अपनी प्रारंभिक षिक्षा पूरी की। तन,मन, धन से जनता की सेवा करने की चाह रखने वाले 2006 बैच र्के आइ.पी.एस अधिकारी हैद़र अली जैद़ी का कहना है कि हमारे वर्दी पहनने का सिर्फ एक ही मकसद है जनता की निःस्वार्थ भाव से सेवा करना। डी.सी.पी. हैद़र अली जैद़ी ने प्रदेष में जिन-जिन जिलों में अपनी सेवाएं दी, वहां वो हमेषा अपने सुधारवादी कार्यों के कारण चर्चा में रहें। सहज, सरल और ईमानदार स्वाभाव के डी.सी.पी. हैद़र अली जैद़ी का कहना है कि वह जब तक ड्यूटी पर रहेंगे बिना किसी स्वार्थ के जनता की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते रहेंगे। वर्तमान में जयपुर में पुलिस उपायुक्त यातायात की कमान संभाल रहे हैद़र अली जैद़ी से खास बातचीत की ब्राईट टूडे संवादाता नईम कुरैषी ने। आई.पी.एस. ब

पत्रकार नईम क़ुरैशी - श्री पदमचंद जैन जी का प्रेरक व समर्पित जीवन

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                       ’’’खास मुलाकात’’’       श्री पदमचंद जैन जी का प्रेरक व समर्पित जीवन  पदमचंद जैन जी की संघर्ष करती जीवन यात्रा एक कामकाजी पुरूष के लिए उसका संघर्ष कभी खत्म नही होता, फिर चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, कोई भी कार्य क्यों न कर रहे हों। न सिर्फ सफलता के पथ पर बल्कि सफल होने के बाद भी उसे संघर्ष करना ही पड़ता है। पदमचंद जैन जी ने बचपन से ही संघर्ष करते आये है। पदमजी मूलतः जैसलमेर के रहने वाले हैं। इनके पूर्वज पाकिस्तान के रहने वाले है व आजादी से पूर्व दिल्ली के पास हापुड़ आकर रहने लगे। इन्होने षिक्षा हापुर में ही पूरी की। जब सात साल के थे, तो पिता का देहांत हो गया। उनके सद्गुणों व व्यापारिक कौषल का इन पर बड़ा प्रभाव रहा। ऐसे मुष्किल हालात में उन्होंने स्वंय अपने बलबूते पढ़ाई की और व्यवसाय भी संभाला। उन्नीस वर्ष की आयु में मां चल बसीं। अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए इन्होंने अपनी संघर्ष यात्रा जारी रखी, और आज वह लोगों की समस्याओं को हल करवाना उनका पहला कत्र्तव है। पदमजी मजबूत इरादों व संकल्प-षक्ति से भरपूर है। खुषमिजाज तथा मिलनसार व्यक्तित्व से वे वा

पत्रकार नईम क़ुरैशी - मेरा आदर्श मेरा कुरआन है। हाजी आफताब

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मेरा आदर्श मेरा कुरआन है। हाजी आफताब  जयपुर - हाजी आफताब उन जाने माने इ्रंसानो में से है जो खुद से ज्यादा जो सिर्फ दूसरो की चिन्ता करते है जो दूसरो के दर्द को समझते है। इनका मकसद जिन्दगी में कुछ करना है बचपन से ही समाज की सेवा का षोक रखने वाले हाजी आफताब खुदा की और हम सब के प्यारे नबी का जिक्र करते हुए कहते है जो खुदा ने हम पर फर्ज किया है, उन फर्जो को अच्छी तरहा अदा करना चाहीये। हमारे प्यारे नबी करीम (सल॰) ने अपनी तालीम में ईमान के बाद जिन चीजों पर बहुत ज्यादा जोर दिया है और इंसान की सआदत को उन पर मौकूफ बतलाया है उनमें से एक यह भी है कि आदमी अच्छा अख्लाक अख्तियार करें और बुरे अख्लाक से अपनी हिफाजत करें। अपने बच्चो को तालीम दे तभी हमारे हालात सुथरेगें आज मुस्लमान सो रहा है हम अन समझ है क्यों के हमारे पास दीन-दारी नही है हमे दीन-दारी लानी है। जब में बहुत छोटा था मेहनत मजदूरी करता लेकिन नमाज पढता था आज जो कुछ मेरें पास है वो नमाज की बदोलत है। हमे नमाज कायम करनी चाहिए नमाज से हमारी दुनिया और अखिरत दोनो बनेगी। मेरा अदर्ष मेरा कुरआन ह,ै में जब स्कूल मे पढता था तो मैरे भाई साहब मुझे प

पत्रकार नईम क़ुरैशी - नेक दिल इन्सान है हाजी रूसतम गोरी

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नेक दिल इन्सान है हा जी रूसतम गोरी राजस्थानः डीडवाना जिले के जानेमाने नेक दिल इंसान है, हाजी रूसतम गोरी आज किसी परिचय के मोहताज नही। व दूसरों के लिए जीते है। हमेषा जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए तैयार रहते है। रूसतम जी का मानना है देष के सुखद भविष्य के लिए अच्छे संस्कारों की जरूरत है। संस्कारित बच्चे तभी बनेगें जब बच्चो को षुरू से ही अच्छे संस्कार मिले। दीनी तालीम मिले और सफल बनने के लिए दुनिया की भी तालीम जरूरी है और सबसे जरूरी बात हमे सफलता पाने के लिए बुरे काम या कोई गुनाह के काम नही करने है बल्कि हमे एक अच्छा पुत्र, एक अच्छा पिता, अच्छा पति और पत्नी, एक अच्छा मित्र, एक अच्छा पड़ोसी, एक अच्छा नागरिक बनने से पहले एक अच्छा इन्सान बनना जरूरी है। अगर आप अच्छा इन्सान बनते है  तो खुदा की मदद मिलती है जो आपको सफलता दिलाती है। और इससे हमारा देष भी आगे बढेगा दूसरे धर्मो के लोग भी इज्जत करेगें।

पत्रकार नईम क़ुरैशी - शेरवानी ने दी, गणतंत्र दिवस की प्रदेषवासियों को हार्दिक बधाई

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शेरवानी ने दी, गणतंत्र दिवस की प्रदेषवासियों को हार्दिक बधाई जयपुर: पुर्व विदेष मंत्री सलीम इकबाल शेरवानीरवानी साहब ने गणतंत्र दिवस की प्रदेषवासियों को हार्दिक बधाई दी, (अल्प संख्यक विभाग) जिला संयोजक हामीद हुसैन फारूकी ने बताया 25 जनवरी 2015 षनिवार को सलीम षैरवानी साहब ने एक बधाई संदेष में उन्होंने कहा है भारत आज लोकतंत्र की मषाल जलाते हुए दुनिया में आषा-उमंग, षांति के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है। हमारे भारत देष में बिना भेदभाव के हर जाति धर्म के लोग षांति से रहते हैं, भारत मजबूत लोकतंत्र है। गणतंत्र दिवस भारत देष की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी षहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उन्हें याद करने का अवसर प्रदान करता है, आजादी की लड़ाई में अप्रतिम योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को भी नमन करता हुॅं।

पत्रकार नईम क़ुरैशी - खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।

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खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है। कामयाब इंसान खुष रहे न रहे, पर खुष रहने वाला इंसान जरूर कामयाब होता है। इस नेक विचार के साथ आज में आपको एक ऐसी षख्सियत के बारे में बता रहा हुॅ राजस्थान जयपुर में जो कि नगीनें का व्यावसाय करतें है यू ंतो हम सब जानतें है जयपुर षहर में अधिकतर लोग नगीनें का व्यापार करते है, लेकिन ये षख्सियत अपने काम से नही बल्कि अपने कर्मोे से जाने जाते है। यू ंतो हर आदमी कहता है में समाज सेवा करता हुॅ, लेकिन इनके बारे में तो जयपुर षहर के लोग कहते है कि समाजिक कार्य हो या धार्मीक कार्य हो व अपना पूरा-पूरा योगदान देते है। ऐसी षख्सियत है, हाजी रफत अहमद आज किसी परिचय के महोताज नही आप वाइल्ड मैमोरियल रिलिफ सोसायटी, सैन्ट्रल मिलाद कमेटी, ईद-ए-मिलाद कमेटी, नूरी सुन्नी सैन्ट्रल सोसायटी व कई अन्य संस्थाओं जुड़े है। और अपने मजहब की हर बात पर अमल करने पर जोर देते है अपने जीवन का अर्दष पैगम्बर मोहम्मद रसूलल्लाह को मानतें है और मुस्लिम धर्म के सभी अर्दषों को अपनाकर समाज में प्रचारित करना चाहते है। नमाज रोजा आदि को रोजमर्र