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किसान आंदोलन, विश्व इतिहास का सबसे बड़ा व सबसे लंबा चलने वाले आंदोलन-पत्रकार नईम कुरैशी

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सत्ता,सत्ता समर्थक नेताओं व सत्ता के भोंपू बन चुके मीडिया तथा पूंजीवादी विचारधारा के पोषकों द्वारा जिस किसान आंदोलन पर शुरू से ही तरह तरह के आक्षेप लगाकर उसे बदनाम करने तथा उसकी अनदेखी करने की कोशिश की जा रही थी वही आंदोलन अब पंजाब, हरियाणा,उत्तर प्रदेश राजस्थान से आगे निकल कर बिहार बंगाल से लेकर महाराष्ट्र ,कर्नाटक जैसे कई दक्षिण भारतीय राज्यों तक पहुँच चुका है। सरकार,उसके सलाहकारों व भाजपाई नेताओं को यह भली भांति समझ लेना चाहिए कि जिस किसान आंदोलन में कई किसान सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करते हुए आत्म हत्या कर चुके,जिस आंदोलन में अब तक 260 से अधिक किसान धरना देते हुए वीरगति को प्राप्त हो चुके जहां सभी आंदोलनकारी श्पहले सरकार द्वारा कृषि कानून की वापसी -फिर किसानों की घर वापसीश् जैसे अपने संकल्प पर एक स्वर से अडिग नजर आ रहे हों वह आंदोलन बिना अपनी जायज मांगों को पूरा कराये हुए समाप्त होने की संभावना नहीं है।  ये भी पढ़ें - माहे रमजान की फजीलतें- पत्रकार नईम कुरैशी किसानों के इसी आंदोलन का असर है कि भले ही सरकार विश्व व्यापर संग्ठन (डब्लू.टी.ओ) और पूंजीपतियों के भारी दबाव के चलती कृ

ماہ رمضان کی فضیلت۔ صحافی نعیم قریشی

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 رمضان المبارک کا بے خوفی تمام مہینوں سے زیادہ ہے ، رمضان المبارک کی ہر رات ، ہر دن ، ہر مہینے اور پورا مہینہ خوش ہوتا ہے۔ لیکن یہ بات خاص ہے کہ اس مہینے میں ، قرآن شریف بے قصور ہوگیا! رمضان المبارک کا احساس یہ ہے کہ اللہ پاک نے مہی رمضان کے روزے رکھنے کا حکم دیا تاکہ مسلمان غربت و رنجشوں اور زلزلے اور پیاسوں سے انسانوں کے درد و غم کا احساس کریں ، ضرورت مند مسلمانوں کے دل و دماغ میں روح پیدا ہو اور ، رمضان کا مہینہ ، مسلمان اپنے آپ کو اللہ کی عبادت کی بدولت پہلے سے کہیں زیادہ چپکے سے اللہ کے قریب محسوس کرتا ہے۔ اس ماہ بھر کی محنت کی حالت یہ بھی خاص ہے کہ مسلمان سال کے باقی گیارہ مہینوں کو اللہ تعالٰی کے خوف ، تذکرہ ، پریشانی ، عبادت و پوجاری ، خود طلاوت قرآن اور یدائے الہی میں عبادت کرتے ہوئے گذارتے ہیں۔ . گردن میں اٹھنا ماہ رمضان المبارک میں یہ رمضان المبارک کا تجربہ ہے ، کہ اس میں گردن کی گردن بہت زیادہ ہے ، لہذا 70 بار کوشش کرکے ، زیادہ سے زیادہ اس مہینے میں جمع کروانا چاہئے۔ حضرت ابوہریرہ کو نبی کریم by کے سپرد کیا گیا ہے ، جو رمضان میں وفاداری سے روزہ رکھتے ہیں ، اس کے پیچھے ہونے

माहे रमजान की फजीलतें- पत्रकार नईम कुरैशी

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  अब्दुल करीम कुरैशी  बे - शक   रमज़ान   की   फ़ज़ीलत   तमाम महीनो से ज्यादा है , रमजानुल मुबारक की हर रात , हर दिन , हर लम्हा और सारा महीना खुसूसियात का है। मगर इसमे खास यह है कि इस महीने में कुरआन शरीफ ( Quran Sharif ) नाजिल हुआ ! रमज़ान   की   फ़ज़ीलत ( The virtues of Ramadan ) ये   है   की अल्लाह पाक ने माहे रमजान में रोजा रखने का हुक्म दिया जिससे की मुसलमानों को गरीबी और तंगदस्ती में और भूक-प्यास से बिलखते इंसानों के दर्द व गम का एहसास हो जाए , दिल व दिमाग में जरूरतमंद मुसलामनों की कैफियत का जज्बा पैदा हो जाए और खुसूसी तौर पर मुसलमान रमजान के महिने में अल्लाह की इबादत की   बदौलत खुद को पहले से ज्यादा अल्लाह तआला के करीब महसूस करता है। गरज कि महीने भर की इस मेहनत का मकसदे खास भी यही है कि मुसलमान साल भर के बाकी ग्यारह महीने भी अल्लाह तआला से डरते हुए जिंदगी गुजारे , जिक्र व फिक्र , इबादत व रियाजत , कुरआन की तिलावत और यादे इलाही में खुद को मसरूफ रखे। नेकियों   का   बढ़   जाना   ( The virtues of Ramadan )  माहे रमजान में   रमजान की फ़ज़ीलत   ये है की इसमें नेकियों का अज्र बहुत ही ज्

मां से मिली प्रेरणा ने बनाया लुकमान खान को कोरोना वॉरियर्स-journalist naeem qureshi

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कहते हैं, किसी भी विपदा का मुकाबला समाज मिलकर ही कर सकता है। देश-समाज पर विपदा का मुकाबला कोई अकेला कर ही नहीं सकता। लॉकडाउन ( lockdown)  के दौरान भी यह बात सच नजर आई। देशभर में कोरोना की वजह से लॉकडाउन कर दिया गया था ऐसे में, जाने-अनजाने स्वयंसेवी समूहों के साथ सामूहिक-पारिवारिक प्रयासों के अनगिनत हाथों ने आम लोगों के हाथ थाम लिए। इन गरीबों की मदद में सरकार तो कम ही नजर आई, लोगों का स्वतःस्फूर्त प्रयास हर जगह नजर आया।  Jaipur -  के शास्त्री नगर स्थित भट्टा बस्ती में आज की आवाज युवा वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष लुकमान खान मलकान व उनकी टीम ने झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर, रिक्शेवालो सहित परदेसी आदि लोगो तक राशन सामग्री और खाने के पैकेट पहुंचाने में उनके प्रयास नजर आये। उन्होंने लॉकडाउन  ( lockdown)  के पहले 3 दिन तो कच्चा राशन सामग्री वितरण की लेकिन लॉकडाउन लम्बा चलता देख लुकमान खान ( Luqmaan khan)   घर में बैठ गए। तो वही उनकी वालदा फिरोज बानो ने घर में बैठे देखकर कहा कि गरीबों की मदद करना सच्चे ईमान की निशानी है और अल्लाह ने ये मौका तुझे दिया है। और उनकी वालदा ने कुछ अपनी ज

पत्रकार नईम क़ुरैशी - महात्मा ज्योतिबा फुले मेरे आदर्श- पुष्पेन्द्र कुमार सैनी

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शहर से लेकर गांव तक लगातार दस सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रसर है। समाजसेवी युवा पुष्पेन्द्र कुमार सैनी पूरे समर्पण के साथ लोगों की निःस्वार्थ मदद कर रहे है। रक्तदान शिविर, तथा बीमार बुजुर्गों की सेवा, पर्यावरण, समाज के लिए संघर्ष आदि कार्यो से लेकर जरूरतमंदो की सहायता करने में तत्पर रहते है। पुष्पेन्द्र कुमार महात्मा ज्योतिबा फुले को अपना अदर्श मानते हुए समाज के कार्यो को अंजाम देते है। जिसके लिए उनको फूले ब्रिगेड राजस्थान द्वारा बेस्ट परफारमेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। तथा भारत स्काउट गाइड में राज्यपाल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। शिक्षा: पुष्पेन्द्र कुमार सैनी ने बी.एड सन् 2010 में ग्लोबल टीचर ट्रेनिंग कॉलेज बहरोड (अलवर) से किया। तथा एम.ए सन् 2014 में राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर (हिंदी) में किया। इसके अलावा सन् 2018 में एलएलबी महर्षि दयानंद लॉ कॉलेज राजा पार्क जयपुर से किया।  वर्तमान में सामाजिक संस्थाओं में सक्रियता: पुष्पेन्द्र कुमार सैनी अधिवक्ता- राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर। प्रदेश प्रवक्ता- फूले ब्रिगेड राजस्थान। कार्यकारणी सदस्य हिन्दू अनाथ आश्रम