किसान आंदोलन, विश्व इतिहास का सबसे बड़ा व सबसे लंबा चलने वाले आंदोलन-पत्रकार नईम कुरैशी
सत्ता,सत्ता समर्थक नेताओं व सत्ता के भोंपू बन चुके मीडिया तथा पूंजीवादी विचारधारा के पोषकों द्वारा जिस किसान आंदोलन पर शुरू से ही तरह तरह के आक्षेप लगाकर उसे बदनाम करने तथा उसकी अनदेखी करने की कोशिश की जा रही थी वही आंदोलन अब पंजाब, हरियाणा,उत्तर प्रदेश राजस्थान से आगे निकल कर बिहार बंगाल से लेकर महाराष्ट्र ,कर्नाटक जैसे कई दक्षिण भारतीय राज्यों तक पहुँच चुका है। सरकार,उसके सलाहकारों व भाजपाई नेताओं को यह भली भांति समझ लेना चाहिए कि जिस किसान आंदोलन में कई किसान सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करते हुए आत्म हत्या कर चुके,जिस आंदोलन में अब तक 260 से अधिक किसान धरना देते हुए वीरगति को प्राप्त हो चुके जहां सभी आंदोलनकारी श्पहले सरकार द्वारा कृषि कानून की वापसी -फिर किसानों की घर वापसीश् जैसे अपने संकल्प पर एक स्वर से अडिग नजर आ रहे हों वह आंदोलन बिना अपनी जायज मांगों को पूरा कराये हुए समाप्त होने की संभावना नहीं है। ये भी पढ़ें - माहे रमजान की फजीलतें- पत्रकार नईम कुरैशी किसानों के इसी आंदोलन का असर है कि भले ही सरकार विश्व व्यापर संग्ठन (डब्लू.टी.ओ) और पूंजीपतियों के भारी दबाव के चलती कृ